छत्तीसगढ़ सीएम चुनने में हुआ था हाईवोल्टेज ड्रामा, भूपेश बघेल ने दे दी थी इस्तीफे की धमकी
By स्वाति सिंह | Published: December 18, 2018 01:04 PM2018-12-18T13:04:50+5:302018-12-18T13:04:50+5:30
छत्तीसगढ़ की वहां सोमवार शाम तक खूब हाईवोल्टेज ड्रामा चला। जिसके बाद सोमवार शाम भूपेश बघेल का नाम सीएम पद के लिए घोषित हुआ।
पांचों राज्यों में चुनावी नतीजों के बाद तीन राज्यों में कांग्रेस मी वापसी हुई है। 11 दिसंबर को चुनावी नतीजों से यह साफ़ हो गया कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनेगी। लेकिन इसके बाद तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नाम को लेकर खूब माथापच्ची हुई। मध्य प्रदेश जहां एक तरफ कमलनाथ और ज्योतिरादित्य के बीच चुनाव करना था तो वहीं, राजस्थान में सचिन पायलेट और अशोक गहलोत के नाम को लेकर काफी घमासान हुआ। जिसके बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ और राजस्थान में अशोक गहलोत के नाम पर मुहर लगी।
वहीं, बात करें छत्तीसगढ़ की वहां सोमवार शाम तक खूब हाईवोल्टेज ड्रामा चला। जिसके बाद सोमवार शाम भूपेश बघेल का नाम सीएम पद के लिए घोषित हुआ। बताया जा रहा है कि छतीसगढ़ में पहले ओबीसी नेता ताम्रध्वज साहू के नाम पर सहमती बना ली थी, हालांकि ऐसा हुआ नहीं।
इंडियन एप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि 15 दिसंबर को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मिठाइयों के डब्बे आचुके थे। लेकिन भूपेश बघेल, टीएस सिंह और चरण दास महंत इसके लिए तैयार नहीं थे। इनका मानना था कि पार्टी को जीतने में साहू की भूमिका बेहद कम रही है। रिपोर्ट की मानें तो बघेल ने इस्तीफे की धमकी भी दे दी थी।
जिसके बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित हुई यह बघेल खुद को मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार बता रहे थे, वहीं सिंहदेव खुद को केवल ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। जिसके जब दोनों एक दूसरे के नाम को लेकर राजी नहीं हुए तो पार्टी ने साहू नाम चुना। जिसके बाद पार्टी ने यह तय किया कि बघेल और सिंहदेव को ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बना देंगे।
इस मुद्दे पर काफी बहस हुई सूत्रों ने बताया कि बघेल ने यह धमकी भी दी कि अगर उन्होंने शपथ नहीं लिया तो वह इस्तीफा दे देंगे। हालांकि ना साहू मुख्यमंत्री बने और सिंहदेव के पास भी ज्यादा सहमति नहीं थी। जिसके बाद आखिरकार भूपेश के नाम की घोषणा हुई।