पनामा पेपर्स में छत्तीसगढ़ सीएम रमन सिंह के बेटे 'अभिषेक' का नामः कांग्रेस
By आदित्य द्विवेदी | Updated: July 8, 2018 15:08 IST2018-07-08T15:08:41+5:302018-07-08T15:08:41+5:30
कांग्रेस ने कहा कि उनके पास इसबात के पुख्ता सबूत हैं कि पनामा पेपर्स में जिस अभिषेक का नाम आया है वो बीजेपी के धाकड़ नेता रमन सिंह के बेटे हैं।

पनामा पेपर्स में छत्तीसगढ़ सीएम रमन सिंह के बेटे 'अभिषेक' का नामः कांग्रेस
रायपुर, 8 जुलाईः कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई ने दावा किया है कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि पनामा पेपर्स में इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने जिस 'Abhishak Singh' के नाम का खुलासा किया है वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे हैं। अभिषेक सिंह फिलहाल राजनांदगांव से बीजेपी सांसद हैं। पनामा पेपर्स में जिस अभिषेक की बात की गई है उसके नाम की स्पेलिंग में 'E' की जगह 'A' है।
शनिवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने बताया कि अपने नाम की स्पेलिंग बदलने से पहले अभिषेक एक कंपनी के कथित निदेशक थे। 2014 लोकसभा चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। उस वक्त तक उनके नाम की स्पेलिंग में 'A' था। इस मुद्दे पर विधानसभा में कांग्रेस ने सरकार को जमकर घेरा।
इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इनवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के पनामा पेपर्स खुलासे के तीन साल बाद अप्रैल 2016 में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि क्विस्ट हाईट्स लिमिटेड के निदेशक 'Abhishak Singh' का पता ब्रिटेश वर्जिन आइलैंड में है।
आईसीआईजे के दस्तावेजों में इस नाम के साथ जो पता उपलब्ध करवाया गया है वो रमन सिंह के घर का पता है जो छत्तीसगढ़ विधानसभा की वेबसाइट में दर्ज है। हालांकि रमन सिंह और उनका बेटा पनामा पेपर्स में किसी ताल्लुक से इनकार किया है। बीजेपी भी कहती रही कि 'Abhishak Singh' और 'Abhishek Singh' दोनों अलग-अलग शख्स हैं।
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शनिवार को एक बयान में अभिषेक ने कहा, 'मैं फिर कहना चाहता हूं कि मेरा विदेशी बैंक में कोई खाता नहीं है। कांग्रेस नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ।' इंडियन एक्सप्रेस के सवालों का जवाब देते हुए अभिषेक सिंह ने दावा किया कि बघेल उनपर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने और मेरी पत्नी ने चैलेट इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के सारे शेयर ट्रांसफर कर दिए हैं। यह सबकुछ कानूनी रूप से हुआ है। अब हमारा उस कंपनी से कोई वास्ता नहीं है।