छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018: बीजेपी की हालत पस्त कर सकती हैं ये 29 सीटें
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 14, 2018 08:13 AM2018-07-14T08:13:12+5:302018-07-14T08:13:57+5:30
छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। इनमें सामान्य और अनुसूचित जाति की सीटों पर तो बीजेपी की हालत ठीक है। लेकिन अनुसूचित जनजाति की सीटों पर बीजेपी की हालत पस्त है।
- विभव देव शुक्ल
तीन राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में कुछ महीनों रह गए हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कहीं प्रचार का शोर है तो कही रणनीति की आहट। कोई भी राजनीतिक दल 2019 से पहले होने वाले सेमीफाइनल में हार का मुंह नहीं देखना चाहता है।
विधानसभा चुनाव की यह लड़ाई बेहद कड़ी और रोचक इसलिए भी है क्योंकि इसमें देश के दो बड़े दल भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आमने-सामने हैं। हालांकि फिलहाल तीनों ही राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बीजेपी का शासन है लेकिन आने वाले परिणाम को लेकर कोई भी आंकलन लगा पाना मुश्किल है।
परिणाम की बात की जाए तो विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने वाले कारण भी बेहद अलग होते हैं। ऐसा ही कुछ कारण है।
1. प्रदेश की आरक्षित सीटें,
2. आरक्षित सीटों पर राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशियों का चुनाव और
3. आरक्षित सीटों पर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का प्रभाव
तीनों ही राज्यों में आरक्षित सीटों का व्यापक प्रभाव है। छत्तीसगढ़ की बात की जाए राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 12.82 प्रतिशत है और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 30.62 प्रतिशत। यानी कुल जनसख्या का 43.44 प्रतिशत। इसके आधार पर छत्तीसगढ़ की कुल 90 विधानसभा सीटों में 39 सीटें आरक्षित हैं। इनमें से 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित हैं और 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।
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इन आरक्षित सीटों पर राजनीतिक दलों का समीकरण भी बड़ा सधा हुआ है-
छत्तीसगढ़ विधानसभा की आरक्षित सीटों पर बीजेपी का प्रदर्शन
| सामान्य | अनुसूचित जाति | अनुसूचित जनजाति |
कुल सीटें | 51 | 10 | 29 |
जीती सीटों की संख्या | 30 | 8 | 11 |
जीती सीटों का प्रतिशत | 58.8 % | 80% | 30.1% |
- 51 सामान्य सीटों पर बीजेपी के 29 प्रत्याशी चुनाव जीत कर आये।
- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीटों में बीजेपी ने कुल 8 सीटें जीतीं।
- अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 29 सीटों में बीजेपी ने 11 सीटें जीतीं।
- इन आंकड़ों के आधार पर सामान्य सीटों पर बीजेपी की जीत का प्रतिशत 56.8 रहा।
- अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित सीटों पर बीजेपी की जीत का प्रतिशत 80 रहा।
- अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित सीटों पर बीजेपी की जीत का प्रतिशत 30.1 रहा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की आरक्षित सीटों पर कांग्रेस का प्रदर्शन
| सामान्य | अनुसूचित जाति | अनुसूचित जनजाति |
कुल सीटें | 51 | 10 | 29 |
जीती सीटों की संख्या | 18 | 1 | 20 |
जीती सीटों का प्रतिशत | 35.2% | 10% | 68.9% |
- 51 सामान्य सीटों पर कांग्रेस के 18 प्रत्याशी चुनाव जीत कर आये।
- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीटों में कांग्रेस ने कुल 1 सीट जीती।
- अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 29 सीटों में कांग्रेस ने 20 सीटें जीतीं।
- इन आंकड़ों के आधार पर सामान्य सीटों पर कांग्रेस की जीत का प्रतिशत 35.2 रहा।
- अनुसूचित जाति के लिये आरक्षित सीटों पर कांग्रेस की जीत का प्रतिशत 10 रहा
- अनुसूचित जनजाति के लिये आरक्षित सीटों पर कांग्रेस की जीत का प्रतिशत 68.9 रहा।
छत्तीसगढ़ की आरक्षित सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के प्रदर्शन की तुलना
बीजेपी और कांग्रेस को मिले मत की तुलना की जाए तो बीजेपी को 51 सामान्य सीटों पर 58.8% समर्थन मिला है वहीं कांग्रेस को 35.2%। यानी कांग्रेस का प्रदर्शन बीजेपी के मुकाबले 23.6 प्रतिशत तक कम है।
इसके बाद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीटों की बात की जाए तो बीजेपी को 80% सफलता मिली तो कांग्रेस को 10% यानी इन सीटों पर कांग्रेस को नए सिरे से काम करने की आवश्यकता है।
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अनुसूचित जनजाति के परिणामों की बात की जाए तो बीजेपी को 29 आरक्षित सीटों पर 30.1 प्रतिशत सफलता हासिल हुई है वहीँ कांग्रेस को 68.9% सफलता मिली।
छत्तीसगढ़ की आरक्षित सीटें बीजेपी के लिए मुसीबत
इसका एक मतलब साफ है कि कांग्रेस को अनुसूचित जनजातियों से मिलने वाला यह समर्थन बरकरार रहता है तो बीजेपी के लिये आगामी विधानसभा चुनाव आसान नहीं होंगे। हालांकि वर्तमान सरकार ने लगातार दो चुनाव जीते हैं लेकिन माहौल किसके पक्ष में हैं यह अभी भी कहना मुश्किल है?
(विभव लोकमत में इंटर्न करते हैं)