ज्योतिबा फुले से काफी प्रभावित थे छत्रपति शाहूजी महाराज, दलितों और स्त्रियों के पक्ष में उठाए कई बड़े कदम

By मनाली रस्तोगी | Updated: May 6, 2022 14:42 IST2022-05-06T14:36:03+5:302022-05-06T14:42:13+5:30

छत्रपति शिवाजी महाराज के वशंज शाहूजी महाराज की आज पुण्यतिथि है। उनका जन्म 26 जून 1874 को हुआ था, लेकिन महज 48 साल की उम्र में 6 मई 1922 को उनका निधन हो गया। हालांकि, महाराष्ट्र की कोल्हापुर रियासत के राजा बनने के बाद छत्रपति शाहूजी महाराज ने प्रजातांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के लिए काफी काम किया।

Chhatrapati Shahuji Maharaj was the father of reservation in India | ज्योतिबा फुले से काफी प्रभावित थे छत्रपति शाहूजी महाराज, दलितों और स्त्रियों के पक्ष में उठाए कई बड़े कदम

ज्योतिबा फुले से काफी प्रभावित थे छत्रपति शाहूजी महाराज, दलितों और स्त्रियों के पक्ष में उठाए कई बड़े कदम

Highlightsछत्रपति शाहूजी महाराज ने 1902 में अपने राज्य में सभी जातियों की समान भागीदारी के लिए पिछड़ी जातियों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण भी लागू किया था।अपने राज्य में आरक्षण लागू करने वाला शाहूजी महाराज का फैसला उस समय के हिसाब से एक एतिहासिक कदम था।

नई दिल्ली: भारत के इतिहास में कई महान राजाओं का नाम दर्ज है। इनमें से कुछ राजाओं द्वारा किए गए काम लोगों को आज भी याद हैं, जबकि राजा ऐसे भी हैं जिनके ऊपर अभी और प्रकाश डालने की जरूरत है। हालांकि, आज छत्रपति शिवाजी महाराज के वशंज शाहूजी महाराज की पुण्यतिथि है। 6 मई 1922 को उनका 48 साल की उम्र में निधन हो गया। ऐसे में छत्रपति शाहूजी महाराज की पुण्यतिथि के मौके पर उनके द्वारा किए गए उन कार्यों के बारे में जानिए, जिसकी वजह से उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज है। 

दरअसल, महाराष्ट्र की कोल्हापुर रियासत के राजा छत्रपति शाहूजी महाराज ने जब से सत्ता संभाली वो जनता के बीच अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के लिए मशहूर रहे। 26 जून 1874 को मराठा वीर शिवाजी की तीसरी पीढ़ी में जन्म लेने वाले शाहूजी महाराज ने कोल्हापुर रियासत की बागडोर 1896 में संभाली। कहा जाता है कि उनके राज में सभी जातियों को समान भागीदारी का अवसर प्राप्त था।

यही नहीं, उन्होंने 1902 में अपने राज्य में सभी जातियों की समान भागीदारी के लिए पिछड़ी जातियों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण भी लागू किया था। यही वजह है कि छत्रपति शाहूजी महाराज को भारत में आरक्षण व्यवस्था का जनक भी कहा जाता है। अपने राज्य में आरक्षण लागू करने वाला शाहूजी महाराज का फैसला उस समय के हिसाब से एक एतिहासिक कदम था। उनके इस कदम के बाद पिछड़ी जाति के 50 प्रतिशत लोगों को नौकरियों में आरक्षण मिला।

अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने समाज से भेदभाव मिटाने के लिए कई बड़े कदम भी उठाए। छत्रपति शाहूजी महाराज ने न सिर्फ सार्वजनिक स्थानों पर हो रही छुआछूत की वारदातों को कम करने के लिए इसपर कानूनन रोक लगाई बल्कि उन्होंने बाल विवाह पर भी प्रतिबंध लगाया। कहा जाता है कि उन्होंने विधवा पुनर्विवाह के पक्ष में भी आवाज उठाई। ज्योतिबा फुले से शाहूजी महाराज काफी प्रभावित थे। दलितों और स्त्रियों के अधिकारों के लिए छत्रपति शाहूजी महाराज ने कई कड़े कदम उठाए।  

Web Title: Chhatrapati Shahuji Maharaj was the father of reservation in India

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