छत्रपति संभाजीनगरः तुगलकी फरमान, 15 अगस्त को मांस क्यों किया बैन?, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्थानीय निकायों के आदेश पर जताया असंतोष
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 13, 2025 11:51 IST2025-08-13T11:49:24+5:302025-08-13T11:51:57+5:30
Chhatrapati Sambhajinagar: प्रतिबंध आमतौर पर आषाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि, महावीर जयंती आदि जैसे मौकों पर धार्मिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लगाए जाते हैं।

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Chhatrapati Sambhajinagar:महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने 15 अगस्त को बूचड़खानों और मांस ब्रिकी करने वाली दुकानों को बंद करने के कुछ स्थानीय निकायों के आदेश पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा है कि इस तरह का प्रतिबंध लगाना गलत है। पवार ने कहा कि इस तरह के प्रतिबंध आमतौर पर आषाढ़ी एकादशी, महाशिवरात्रि, महावीर जयंती आदि जैसे मौकों पर धार्मिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन करते हैं।
पवार ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस तरह का प्रतिबंध लगाना गलत है। बड़े शहरों में विभिन्न जातियों और धर्मों के लोग रहते हैं। अगर यह भावनात्मक मुद्दा है तो लोग इसे (प्रतिबंध को) एक दिन के लिए स्वीकार कर लेते हैं लेकिन अगर आप महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ऐसे आदेश जारी करते हैं तो यह मुश्किल है।’’
छत्रपति संभाजीनगर महानगर पालिका ने त्योहारों के मद्देनजर दो दिन यानी 15 और 20 अगस्त को शहर की सीमा के भीतर बूचड़खानों एवं मांस की दुकानों को बंद करने की घोषणा की। इसमें कहा गया है कि 15 अगस्त को गोकुल अष्टमी और 20 अगस्त को जैन समुदाय के प्रमुख त्योहार ‘पर्युषण पर्व’ के अवसर पर बूचड़खानों एवं मांस की दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
महानगर पालिका ने आदेश के उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। इससे पहले, कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका (केडीएमसी) की ओर से भी स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया था जिस पर विवाद खड़ा हो गया था।