Chennai turns 384: मद्रास दिवस चेन्नई शहर के जीवंत इतिहास, संस्कृति और विरासत का एक वार्षिक उत्सव है। चेन्नई के आज (22 अगस्त) 384 साल का हो गया। अपने मंदिरों और समृद्ध विरासत के लिए मशहूर मद्रास का नाम 1996 में चेन्नई कर दिया गया।
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने एक बस्ती स्थापित करने के लिए भूमि का एक टुकड़ा अधिग्रहित किया था। 22 अगस्त, 1639 को स्थापना की थी। यह दिन मद्रास शहर के जन्म का प्रतीक है। मद्रास दिवस की शुरुआत उत्साही व्यक्तियों के एक समूह द्वारा की गई थी, जो शहर के समृद्ध इतिहास का जश्न मनाना चाहते थे।
पहला उत्सव 2004 में हुआ था। मद्रास दिवस बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह चेन्नई के लोगों को अपने इतिहास से जुड़ने और शहर के विकास के बारे में जानने का मौका देता है। चेन्नई को अद्वितीय बनाती है।तमिलनाडु की मौजूदा राजधानी चेन्नई के स्थापना के 384 साल मंगलवार को पूरे हो गए। इस अवसर पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन ने सरकारी स्कूली छात्रों द्वारा लगाई एक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने हिंदू समूह द्वारा रिपन बिल्डिंग में लगाई एक अन्य फोटो प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
चेन्नई को पूर्व में मद्रास के नाम से जाना जाता था। मद्रास दिवस 22 अगस्त 1639 को तटीय शहर की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। उस समय ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने नायक शासक दमर्ला चेन्नपा नायक से यह जमीन छीन ली थी और शहर एवं फोर्ट सेंट जॉर्ज की स्थापना की थी।
विरासत प्रेमियों के एक समूह ने 2004 में ‘मद्रास दिवस’ मनाने की शुरुआत की और तब से हर साल इसे मनाया जा रहा है। राज्य की राजधानी को मद्रास से मौजूदा नाम चेन्नई 1996 में मिला। मुख्यमंत्री प्रदर्शनी में शामिल हुए जिसमें पुराने चेन्नई और प्राचीन शहर के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित किया गया है।
इस मौके पर उन्होंने विद्यार्थियों से संवाद भी किया। वृहद चेन्नई नगर निगम ने भी इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया। स्टालिन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘ चेन्नई दिवस के दिन द हिंदू द्वारा किए गए तीन उल्लेखनीय काम के उद्घाटन का सम्मान मिला।’’
उन्होंने माइक्रोब्लागिंग साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, ‘‘ ‘चोलों की महागाथा’ में चोल शासन की भव्यता को प्रदर्शित किया गया है, ‘तमिलनाडु केंद्र में’ सदियों के तमिल इतिहास, संस्कृति, राजनीति और शासन पर प्रकाश डाला गया है।
जबकि ‘मद्रास के आसमान में प्रमुख सितारे’ में उपलब्धि प्राप्त करने वालों को सम्मान दिया गया है। धन्यवाद श्री एन राम, श्री एन मुरली, श्री एन रवि और उन सभी को जो हिंदू समूह से हैं और द्रविड़ भूमि की विरासत और नायकों का जश्न मना रहे हैं।’’