बार घोटाला मामले में केरल के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच आरोप-प्रत्यारोप
By भाषा | Updated: January 12, 2021 21:28 IST2021-01-12T21:28:54+5:302021-01-12T21:28:54+5:30

बार घोटाला मामले में केरल के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता के बीच आरोप-प्रत्यारोप
तिरूवनंतपुरम, 12 जनवरी केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और कांग्रेस नीत यूडीएफ के बीच मंगलवार को राज्य विधानसभा में बार रिश्वत मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला। वहीं सरकार ने घोषणा की कि वह देखेगी कि क्या विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला के खिलाफ आरोपों की प्रारंभिक जांच की जरूरत है अथवा नहीं।
बार घोटाले में चेन्नीथला के खिलाफ जांच का ब्यौरा मांगने के डी. के. मुरली (माकपा) के एक सवाल के जवाब में विजयन ने विधानसभा में कहा, ‘‘बार मालिक बीजू रमेश के आरोपों की निगरानी ने गोपनीय जांच की थी। रमेश ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने तत्कालीन केपीसीसी अध्यक्ष को बार लाइसेंस शुल्क नहीं बढ़ाने के लिए रिश्वत दी थी जो अब विपक्ष के नेता हैं।’’
विजयन ने कहा, ‘‘सरकार मामले में प्रारंभिक जांच की अनुमति देने पर गौर कर रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता ने जांच रूकवाने की मांग करते हुए राज्यपाल से संपर्क किया था और उन्होंने राज्य में निगरानी की जांच का सामना करने वाले विपक्ष के अन्य विधायकों के नाम गिनाए।
चेन्नीथला ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने राज्यपाल से संपर्क किया था। यह सही है। घटना की पिछले पांच वर्षों से जांच जारी है। यह साबित हो गया है कि दावा गलत है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मामला अदालत में विचाराधीन है। यह पूरी तरह निराधार है। मैंने किसी से कोई रिश्वत नहीं ली। यह विपक्ष की छवि को खराब करने का गंभीर प्रयास है। हम किसी जांच की परवाह नहीं करते।’’
बहरहाल, विजयन ने पलटवार किया और कहा कि विपक्ष राज्य में 2016 से ‘‘हासिल उपलब्धियों से खफा’’ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग वर्तमान विपक्ष को राज्य के लिए अभिशाप मानते हैं। उन्होंने कहा कि पूरा राज्य जानता है कि यूडीएफ जब सत्ता में थी तो 2011-16 के दौरान क्या हुआ।
विजयन ने कहा, ‘‘राज्य के लोग जानते हैं कि उस वक्त काफी भ्रष्टाचार था। स्थानीय निकाय चुनावों के बाद राज्य के लोगों ने विपक्ष को करारा जवाब दिया। कृपया राज्य के लोगों की बुद्धिमत्ता पर सवाल मत उठाइए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोग अपने अनुभव के आधार पर आकलन करते हैं। जो लोग भ्रष्टाचार के मामलों में डूबे हुए हैं वे हम पर ऊंगली उठा रहे हैं।
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