Chara Ghotala: डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी, लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा, जानें घटनाक्रम
By एस पी सिन्हा | Updated: February 21, 2022 16:05 IST2022-02-21T16:03:53+5:302022-02-21T16:05:36+5:30
Chara Ghotala: सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि ने सजा पर दोपहर बारह बजे से करीब 40 मिनट तक इस मामले के पक्षकारों की दलीलें सुनीं. लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने बताया कि आज अदालत ने नरमी बरतते हुए तीन अभियुक्तों को तीन वर्ष कैद की सजा सुनायी और उन्हें जमानत मिल गयी.

राजद के महासचिव एवं शीर्ष नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बताया कि लालू प्रसाद यादव आज सुनाई गई सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेंगे और उनकी जमानत की याचिका भी शीघ्र उच्च न्यायालय में दाखिल की जायेगी.
Chara Ghotala: बहुचर्चित चारा घोटाला के रांची स्थित डोरंडा कोषागार से करीब 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट के विशेष जज एसके शशि ने वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
लैपटॉप के जरिए बीमार लालू प्रसाद यादव कोर्ट में ऑनलाइन हाजिर हुए. कानून के जानकारों के अनुसार लालू को तीन साल से अधिक की सजा मिलने के कारण तुरंत जमानत नहीं मिल सकेगी. इसके लिए उन्हें हाईकोर्ट का रुख करना होगा. लालू प्रसाद चारा घोटाले के चार मामलों में पहले से सजायाफ्ता हैं.
सभी दोषियों को बारी-बारी से सजा सुनाई
अदालत ने लालू यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471 के साथ षड्यंत्र से जुड़ी धारा 120बी एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2)के तहत दोषी करार देते हुए पांच वर्ष कैद और जुर्माने की सजा सुनायी. इस मामले में सीबीआई ने कुल 170 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किए गए थे।
इस मामले में लालू प्रसाद यादव समेत 41 दोषियों को आज सीबीआई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी दोषियों को बारी-बारी से सजा सुनाई. चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव से जुडे़ झारखंड में कुल पांच मामले हैं. इनमें से चार मामलों में उन्हें पहले से सजा मिल चुकी है और इन सभी मामलों में वे जमानत पर हैं.
15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपितों को दोषी करार दिया था
लालू को पहले ही चाईबासा के दो मामले, देवघर व दुमका से जुडे़ चारा घोटाले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है. आज चारा घोटाले के सबसे बडे़ डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी सीबीआई की विशेष अदालत ने इन्हें सजा सुनाई है. सीबीआई की विशेष अदालत ने 15 फरवरी को लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपितों को दोषी करार दिया था.
इनमें से 38 लोगों को जेल भेज दिया गया था. अदालत ने उसी दिन 35 दोषियों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई थी. साथ हीं 50 हजार से लेकर दो लाख रुपये तक का जुर्माना भी किया था. अदालत ने सात महिलाओं समेत 24 आरोपितों को बरी भी कर दिया था. लेकिन लालू प्रसाद यादव सहित कुछ लोगों को सजा देने के लिए सोमवार का दिन मुकर्रर किया गया था.
रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया
अदालत ने आज लालू के अलावा पूर्व विधायक आरके राणा और पशुपालन विभाग के पूर्व सचिव बेक जूलियस की सजा का भी ऐलान किया. बता दें कि लालू यादव को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें होटवार जेल भेजा गया था. हालांकि बाद में उनकी सेहत को देखते हुए जेल प्रशासन ने उन्हें रिम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया. लालू फिलहाल रिम्स के पेइंग वार्ड में हैं.
अभी तक मिल चुकी इन सजाओं को जोड़ दें तो चारा घोटाला के चार मामलों में लालू को अब तक लगभग 27 साल की सजा हो चुकी है. दरअसल, चारा घोटाला मामले में लालू यादव 1996 से ही फंसे हुए हैं. उसी साल पटना हाईकोर्ट की निगरानी में चारा घोटाला की सीबीआई जांच शुरू हुई थी.
पहली बार 30 जुलाई 1997 को जेल जाना पड़ा था
इस जांच ने 30 जुलाई 1997 को उनके पटना की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण व पहली बार जेल जाने की पटकथा लिखी थी. इसके पहले 25 जुलाई 1997 को विशेष अदालत द्वारा गिरफ्तारी का वारंट निर्गत होने पर उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. उल्लेखनीय है कि लालू को पहली बार 30 जुलाई 1997 को जेल जाना पड़ा था. इस दौरान वे कुल 135 दिन जेल में रहे.
आगे 28 अक्टूबर 1998 को दूसरी बार 73 दिनों के लिए जेल गए. फिर, पांच अप्रैल 2000 को तीसरी बार जेल गए तो 11 दिनों बाद जमानत मिली. उन्हें साल 2000 के ही 28 नवंबर को भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक दिन के लिए जेल जाना पड़ा था. लालू तीन अक्टूबर 2013 को चारा घोटाला के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 70 दिन जेल में रहे.
चारा घोटाला के पहले मामले में लालू को पांच साल की सजा हुई थी
फिर, 23 दिसंबर 2017 को चारा घोटाले से जुडे़ एक अन्य मामले में सजा होने के बाद जेल गए तो 17 अप्रैल 2021 को जमानत मिल सकी थी. फिलहाल वे 15 फरवरी 2022 को चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद फिर जेल में हैं. बता दें कि चारा घोटाला के पहले मामले में लालू को पांच साल की सजा हुई थी. उनपर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था.
पहला मामला चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड रुपये की निकासी का था.उसी तहर से चारा घोटाले से जुड़ा दूसरा मामला देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपए की अवैध निकासी का था, जिसमें लालू यादव को साढे़ तीन साल की सजा हुई थी. उनपर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया था.
वहीं, चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के चारा घोटाला के तीसरे मामले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा सुनाई गई थी. उनपर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया था. जबकि चारा घोटाला का चौथा मामला दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का था, जिसमें लालू को दो अलग-अलग धाराओं में सात-सात साल की सजा दी गई. साथ ही 60 लाख का जुर्माना भी लगाया गया. इस तरह से अभी तक मिल चुकी इन सजाओं को जोड़ दें तो चारा घोटाला के चार मामलों में लालू को 27.5 साल की सजा हो चुकी है.