Chandrayaan-3: चंद्रमा पर उतरने के बाद क्या करेंगे विक्रम लैंडर और रोवर? जानें सभी सवालों के जवाब

By अंजली चौहान | Updated: August 23, 2023 17:15 IST2023-08-23T17:14:15+5:302023-08-23T17:15:31+5:30

भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन आज शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करने के लिए पूरी तरह तैयार है। एक बार जब भारत यह उपलब्धि हासिल कर लेगा, तो चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर क्या करेंगे? चलो पता करते हैं।

Chandrayaan-3 What will Vikram Lander and Rover do after landing on the Moon Know the answers to all the questions | Chandrayaan-3: चंद्रमा पर उतरने के बाद क्या करेंगे विक्रम लैंडर और रोवर? जानें सभी सवालों के जवाब

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsभारत के तीसरे चंद्रमा मिशन का उद्देश्य सुरक्षित और सॉफ्ट-लैंडिंग को चिह्नित करनाआज शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा। अगर यह सफल रहा तो भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।

Chandrayaan-3:चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 आजचंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए तैयार है जिससे अरबों भारतीय उत्साहित हैं। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर मॉड्यूल की सफल लैंडिंग के लिए लोग प्रार्थना कर रहे हैं जिससे देश में बेचैनी बढ़ गई है।

गौरतलब है कि चंद्रयान-3 का लैंडर शाम 6:04 बजे चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करेगा। अगर यह सफल रहा तो भारत पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। इसके अलावा, यह चंद्रमा पर मानव रहित यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बन जाएगा।

हालांकि, भारतीय आम जनता को इसके चांद पर लैंड करने के बाद क्या काम होगा इसके बारे में नहीं पता है। विक्रम लैंडर के लैडिंग के बाद यह क्या काम करेगा और कितने दिन रहेगा ये सारे जवाब आपको हमारे इस लेख के जरिए मिल जाएंगे...

विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के चंद्रमा पर उतरने के बाद क्या होगा?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए सुरक्षित लैंडिंग चंद्रमा मिशन का एक प्रमुख हिस्सा है। एक बार जब विक्रम लैंडर चंद्रमा पर लंबवत रूप से छू जाएगा तो रोवर का संचालन शुरू हो जाएगा और एक चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस तक चलेगा।

सतह पर उतरने के बाद विक्रम लैंडर के एक तरफ का रैंप छह पहियों वाले प्रज्ञान रोवर को नीचे उतारने के लिए खुलेगा। प्रज्ञान, जिसके पहियों पर राष्ट्रीय तिरंगा और इसरो का लोगो बना हुआ है, लैंडर को छोड़ देगा और चार घंटे के बाद चंद्र सतह को छूएगा। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह 1 सेमी प्रति सेकंड की गति से आगे बढ़ेगा, इसके नेविगेशन कैमरे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को स्कैन करेंगे। लैंडर मॉड्यूल में इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (एसएसी) द्वारा विकसित कुल पांच कैमरे हैं। ये कैमरे अंतरिक्ष में तस्वीरें क्लिक करेंगे जिन्हें जनता के साथ साझा किया जाएगा।

वहीं, लैंडर पर लगे चार में से तीन कैमरे सॉफ्ट लैंडिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चंद्रमा की सतह पर रोवर की गतिविधि लैंडर के अवलोकन दायरे के भीतर होगी ताकि लैंडर पर लगे कैमरे हर समय रोवर की गतिविधि को देख सकें।

इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि पृथ्वी के 14 दिनों के दौरान रोवर द्वारा तय की गई वास्तविक दूरी का अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता है। क्योंकि यह विभिन्न चीजों (गणना) के आधार पर किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार, लैंडर मॉड्यूल पर लगे उपकरणों और प्रयोगों, जिन्हें पेलोड कहा जाता है के द्वारा भेजे गए डेटा को इसरो वैज्ञानिक एनालाइस करेंगे। लैंडर और रोवर दोनों अपने चंद्र अन्वेषण का संचालन करने के लिए कुल छह पेलोड ले जा रहे हैं।

इसरो के अनुसार, भारत के तीसरे चंद्रमा मिशन का उद्देश्य सुरक्षित और सॉफ्ट-लैंडिंग को चिह्नित करना, चंद्रमा की सतह पर रोवर की गति को प्रदर्शित करना और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है।

पेलोड क्या करेंगे?

विक्रम के पास चार वैज्ञानिक पेलोड हैं जो चंद्रमा के भूकंपों, सतह के पास प्लाज्मा में परिवर्तन और चंद्रमा की सतह के थर्मल गुणों का आकलन करने के लिए हैं।

पेलोड रेडियो एनाटॉमी ऑफ मून बाउंड हाइपरसेंसिटिव आयनोस्फीयर एंड एटमॉस्फियर (RAMBHA), जो निकट-सतह प्लाज्मा गतिविधियों की जांच करेगा, प्लाज्मा गठन और समय के साथ इसके परिवर्तनों की बेहतर समझ विकसित करने में मदद करेगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चंद्रा का सरफेस थर्मो-फिजिकल एक्सपेरिमेंट (ChaSTE) थर्मल गुणों की जांच करेगा और चंद्र दक्षिणी ध्रुव के पास ऊर्ध्वाधर तापमान प्रवणता का निर्धारण करेगा।

गौरतलब है कि रोवर में दो पेलोड हैं - अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एपीएक्सएस) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस)। ये वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानों में तत्वों की संरचना का पता लगाएंगे और चंद्रमा की रासायनिक और खनिज संरचना का अध्ययन करेंगे।

Web Title: Chandrayaan-3 What will Vikram Lander and Rover do after landing on the Moon Know the answers to all the questions

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