चंद्रयान-3 मिशन: प्रज्ञान रोवर के पास अब केवल 7 दिन का समय बचा है, जानिए कारण और अब तक क्या-क्या पता चला

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: August 30, 2023 09:42 PM2023-08-30T21:42:08+5:302023-08-30T21:43:45+5:30

चंद्रमा पर रात होने से पहले डेटा इकट्ठा करने के लिए प्रज्ञान रोवर के पास पृथ्वी के कुल 14 दिन हैं। दरअसल चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है।

Chandrayaan-3 Mission: Pragyan Rover now has only 7 days left, know the reason | चंद्रयान-3 मिशन: प्रज्ञान रोवर के पास अब केवल 7 दिन का समय बचा है, जानिए कारण और अब तक क्या-क्या पता चला

प्रज्ञान रोवर के पास अब सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsचंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर एक सप्ताह पूरा कर लिया हैप्रज्ञान रोवर के पास अब सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा हैचंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर एक सप्ताह पूरा कर लिया है। 23 अगस्त को अपनी लैंडिंग के बाद से प्रज्ञान रोवर ने सल्फर (एस), और ऑक्सीजन (ओ) सहित कई रासायनिक तत्वों की उपस्थिति की पुष्टि की है। फिलहाल हाइड्रोजन (एच) की खोज जारी है। लेकिन अपने काम को अंजाम देने के लिए प्रज्ञान रोवर के पास अब सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है। 

इसरो ने बताया है कि चंद्रमा पर रात होने से पहले डेटा इकट्ठा करने के लिए प्रज्ञान रोवर के पास पृथ्वी के कुल 14 दिन हैं। दरअसल चंद्रमा का एक दिन पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। एक बार 14 दिन की समय सीमा समाप्त होने के बाद, चंद्रमा के पास सूर्य के संपर्क के बिना दो सप्ताह की अवधि होगी। यानी कि तब चंद्रमा पर रत होगी।  चूँकि प्रज्ञान एक सौर ऊर्जा से चलने वाला रोवर है, इसलिए यह पूरी तरह काम नहीं कर पाएगा। चंद्रमा पर जब रात होगी तब इसका तापमान  -133 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

इतने कम तापमान पर प्रज्ञान रोवर के लिए काम करना मुश्किल होगा। इस अवधि के दौरान रोवर विक्रम लैंडर के संपर्क में रहेगा, लेकिन इसका इसरो से कोई सीधा संबंध नहीं होगा। एक बार मिशन पूरा होने के बाद लैंडर और रोवर पृथ्वी पर वापस नहीं आएंगे।  हालांकि इसरो की अगले सप्ताह के बाद इन्हें से स्टार्ट करने की कोई योजना नहीं है लेकिन  अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि चंद्र रात्रि समाप्त होने के बाद दोनों फिर से काम करना शुरू कर देंगे। अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। साथ ही इसरो को चंद्रमा की सतह का अध्ययन करने के लिए और ज्यादा समय मिल जाएगा। 

बता दें कि अतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में ये पहला मौका है जब चांद के साउथ पोल की मिट्टी की जांच हो रही है। मिशन पर गया प्रज्ञान रोवर रोज नई जानकारी जुटा रहा है और इसे धरती पर इसरो के वैज्ञानिकों के साथ साझा कर रहा है। रोवर को अब तक चंद्रमा के सतह पर अनियमित तापमान के होने की जानकारी मिली है। प्रज्ञान की भेजी जानकारी के अनुसार सतह पर तापमान लगभग 50 डिग्री था, जबकि सतह से केवल 8 सेमी नीचे तापमान -10 डिग्री तक गिर गया. और सतह से लगभग 1-2 सेमी ऊपर 60-70 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

प्रज्ञान को चांद पर सल्फर ऑक्सीजन और एल्युमिनियम समेत कई तत्व मिले हैं जो वहां पानी की खोज के लिए इसरो के दावे को और मजबूती देता है। अगर चांद पर हाइड्रोजन मिलता है तो वो अब तक की सबसे बड़ी खोज होगी।

Web Title: Chandrayaan-3 Mission: Pragyan Rover now has only 7 days left, know the reason

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