Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-3 ने धरती पर भेजी अहम जानकारी, सल्फर मिलने की पुष्टि, इसरो ने जारी किया ताजा अपडेट
By रुस्तम राणा | Updated: August 29, 2023 21:27 IST2023-08-29T20:38:12+5:302023-08-29T21:27:05+5:30
चंद्रयान-3 मिशन के जरिए चंद्रमा पर हाइड्रोजन (एच) की खोज जारी है। एलआईबीएस उपकरण को इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस)/इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है।

Chandrayaan-3 Mission: चंद्रयान-3 ने धरती पर भेजी अहम जानकारी, सल्फर मिलने की पुष्टि, इसरो ने जारी किया ताजा अपडेट
नई दिल्ली: चंद्रयान-3 चंद्रमा की अहम जानकारी पृथ्वी पर भेज रहा है। इसरो ने मंगलवार को बताया कि चंद्रयान के प्रज्ञान रोवर पर लगा लेजर-प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (एलआईबीएस) उपकरण पहली बार इन-सीटू माप के माध्यम से, दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर (एस) की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि करता है। जैसा कि अपेक्षित था, एल्यूमीनियम (Al), सल्फर (S), कैल्सियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटेनियम (Ti), मैगनीज (Mn), सिलिकन (Si) और ऑक्सीजन (O) का भी पता चला है।
इसरो ने अपने बयान में कहा, चांद में हाइड्रोजन (एच) की खोज जारी है। एलआईबीएस उपकरण को इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस)/इसरो, बेंगलुरु की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है।
यह घटनाक्रम तब हुआ जब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि प्रज्ञान रोवर चंद्रमा के "और अधिक रहस्यों को उजागर करने की राह पर है"। 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के कुछ घंटों बाद रोवर को 'विक्रम' लैंडर से बाहर निकाला गया था।
26 अगस्त को, इसरो ने चंद्रयान 3 के लैंडिंग बिंदु 'शिव शक्ति' प्वाइंट के आसपास घूमते रोवर का एक वीडियो जारी किया था। "चंद्रयान -3 मिशन: 🔍यहां नया क्या है? दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र रहस्यों की खोज में प्रज्ञान रोवर शिव शक्ति प्वाइंट के आसपास घूम रहा है।”
सोमवार को अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि प्रज्ञान रोवर को कल चंद्रमा की सतह पर अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित चार मीटर व्यास वाले गड्ढे का सामना करना पड़ा।
इसरो ने कहा, “27 अगस्त, 2023 को, रोवर को अपने स्थान से 3 मीटर आगे स्थित 4 मीटर व्यास वाला गड्ढा मिला। रोवर को पथ पर वापस लौटने का आदेश दिया गया। यह अब सुरक्षित रूप से एक नए रास्ते पर बढ़ रहा है।” भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को छूने वाला पहला देश बनकर इतिहास रच दिया।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 29, 2023
In-situ scientific experiments continue .....
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL