Chandrayaan-2: तिरछा गिरा है 'विक्रम', मुश्किलों भरी लैंडिंग मर भी टूटा नहीं, तय स्थान से काफी निकट उतरा!

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 10, 2019 04:48 AM2019-09-10T04:48:29+5:302019-09-10T04:48:29+5:30

'विक्रम' का शनिवार को 'सॉफ्ट लैंडिंग' के प्रयास के अंतिम क्षणों में उस समय इसरो के नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया था जब यह चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर के भीतर 'प्रज्ञान' नाम का रोवर भी है.

Chandrayaan-2: 'Vikram' has fallen slant, the difficult landing die has not broken even, landed very close to the fixed place! | Chandrayaan-2: तिरछा गिरा है 'विक्रम', मुश्किलों भरी लैंडिंग मर भी टूटा नहीं, तय स्थान से काफी निकट उतरा!

Chandrayaan-2: तिरछा गिरा है 'विक्रम', मुश्किलों भरी लैंडिंग मर भी टूटा नहीं, तय स्थान से काफी निकट उतरा!

चंद्रयान -2 के लैंडर 'विक्रम' के बारे में अच्छी खबर आई है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अनुसार 'विक्रम' चांद की सतह पर साबुत अवस्था में अपने उतरने की तय जगह के करीब ही तिरछा खड़ा है और यह टूटा नहीं है. 'हार्ड लैंडिंग' की वजह से यह झुक गया है तथा इससे पुन: संपर्क स्थापित करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है.

'विक्रम' का शनिवार को 'सॉफ्ट लैंडिंग' के प्रयास के अंतिम क्षणों में उस समय इसरो के नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया था जब यह चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था. लैंडर के भीतर 'प्रज्ञान' नाम का रोवर भी है. मिशन से जुड़े इसरो के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, 'ऑर्बिटर के कैमरे से भेजी गईं तस्वीरों के मुताबिक यह तय जगह के बेहद नजदीक एक 'हार्ड लैंडिंग' थी.

लैंडर वहां साबुत है, उसके टुकड़े नहीं हुए हैं. वह झुकी हुई स्थिति में है.' अधिकारी ने कहा, 'यहां इसरो के टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) में एक टीम लैंडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है.

इसरो अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को कहा था कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी लैंडर से संपर्क साधने की 14 दिन तक कोशिश करेगी. उन्होंने रविवार को लैंडर की तस्वीर मिलने के बाद यह बात एक बार फिर दोहराई. इसरो के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लैंडर के फिर सक्रिय होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ सीमाएं हैं. उन्होंने भूस्थिर कक्षा में संपर्क से बाहर हुए एक अंतरिक्ष यान से फिर संपर्क बहाल कर लेने के इसरो के अनुभव को याद करते हुए कहा कि 'विक्रम' के मामले में स्थिति भिन्न है.

वह पहले ही चंद्रमा की सतह पर पड़ा है और उसकी दिशा फिर से नहीं बदली जा सकती. अधिकारी ने कहा कि एक महत्वपूर्ण पहलू एंटीना की स्थिति का है. इसकी दिशा या तो जमीनी स्टेशन की तरफ होनी चाहिए या फिर ऑर्बिटर की तरफ. अधिकारी ने कहा कि हालांकि, लैंडर का ऊर्जा उत्पन्न करना कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि इसमें चारों तरफ सौर पैनल लगे हैं. इसके भीतर बैटरियां भी लगी हैं जो बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं हुई हैं.

Web Title: Chandrayaan-2: 'Vikram' has fallen slant, the difficult landing die has not broken even, landed very close to the fixed place!

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