लाइव न्यूज़ :

Chandrayaan-2: बेंगलुरु के आर्मस्ट्रांग का चंद्रयान से है अटूट मेल

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 22, 2019 09:44 IST

भारतीय समयानुसार आर्मस्ट्रांग ने 21 जुलाई को रात 1.48 बजे चंद्रमा पर अपने कदम रखे थे. भारतीय समाचार चैनलों में लाइव अपडेट के साथ ही रेडियो और अखबारों के जरिये हर पल की खबर लोगों तक पहुंच रही थी.

Open in App
ठळक मुद्देअमेरिकी अपोलो-11 में सवार अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने जैसे ही चांद की सतह पर कदम रखाचंद्रयान-2 दोपहर 2.43 बजे प्रक्षेपित किया जाएगा

आज से ठीक 50 वर्ष पूर्व 21 जुलाई को हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के कर्मचारी एंटनी दास उल्सूर सरकारी रेफरल अस्पताल में अपनी गर्भवती पत्नी कमला के साथ परिवार में आने वाले नए मेहमान के लिए इंतजार कर रहे थे.

इसी समय समूची दुनिया भी पहली बार इंसान के चंद्रमा में पैर रखने की खबर का रेडियो में प्रसारण सुन रही थी. भले ही यह उपलब्धि अमेरिका की थी लेकिन, प्रत्येक देश का नागरिक इस अभूतपूर्व घटना का इंतजार का रहा था. अमेरिकी अपोलो-11 में सवार अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने जैसे ही चांद की सतह पर कदम रखा, उस पीढ़ी के अधिकांश लोग अपनी राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना गर्व महसूस कर रहे थे.

एंटनी भी उनमें से एक थे. भारतीय समयानुसार आर्मस्ट्रांग ने 21 जुलाई को रात 1.48 बजे चंद्रमा पर अपने कदम रखे थे. भारतीय समाचार चैनलों में लाइव अपडेट के साथ ही रेडियो और अखबारों के जरिये हर पल की खबर लोगों तक पहुंच रही थी.

तभी, सरकारी रेफरल अस्पताल के गलियारों में चहलकदमी करते एंटनी को नर्स ने आकर बताया कि उनकी पत्नी कमला ने बेटे को जन्म दिया है. एंटनी तुरंत अपनी पत्नी कमला और नवजात को देखने के लिए अंदर भागे. अब, 50 वर्ष बाद वह नवजात एक पिता है और उसे अपने जन्म की वह तारीख अच्छी तरह याद है.

उन्होंने बताया, ''मेरे पिता चंद्रमा पर उतरे आर्मस्ट्रांग से इतने ज्यादा प्रभावित थे कि उन्होंने मेरा नाम राजेश आंर्मस्ट्रांग रखा.'' राजेश आर्मस्ट्रांग ने शुरू में रक्षा विभाग ज्वाइन किया और पीएसयू हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के मानव संसाधन प्रभाग में काम करने लगे. उन्होंने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि इसरो 22 जुलाई को चंद्रयान-2 लॉन्च कर रहा है, लेकिन वह 21 जुलाई को इसकी लॉन्चिंग करते तो वह और भी ज्यादा खुश होते.

अब्दुल कलाम को बताया था वाकया राजेश ने बताया कि जब वह एचएएल हवाईअड्डे पर वीआईपी लाउंज का प्रबंधन देखते थे तब उनकी मुलाकात पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से हुई थी. तब राजेश ने उन्हें यह भी बताया था कि उनका नाम राजेश आर्मस्ट्रांग कैसे पड़ा.

स्थानांतरण का भी बना संयोग राजेश ने अपने जीवन में 21 जुलाई के महत्व को दोहराते हुए बताया कि उनका सुरक्षा विभाग से मानव संसाधन विभाग में स्थानांतरण भी 21 जुलाई 2008 को हुआ था. वह एक स्केच कलाकार हैं और कलाम, नील आर्मस्ट्रांग, मदर टेरेसा और यहां तक कि एचएएल के संस्थापक वालचंद हीराचंद के पेंसिल स्केच भी बनाए हैं.

टॅग्स :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
Open in App

संबंधित खबरें

भारत"आज देश स्पेस सेक्टर में जो देख रहा वैसा पहले नहीं देखा...", स्काईरूट के इन्फिनिटी कैंपस के उद्घाटन में बोले पीएम मोदी

भारतVIDEO: इसरो ने श्रीहरिकोटा से सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 लॉन्च किया

भारतISRO: आज फिर रचेगा इसरो इतिहास, संचार उपग्रह 'LVM3-M5' का होगा प्रक्षेपण

भारतकौन थे एकनाथ वसंत चिटनिस, विक्रम साराभाई के साथ भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की नींव?

भारतGaganyaan Mission: अंतरिक्ष क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि की ओर बढ़ता भारत

भारत अधिक खबरें

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें

भारतIndigo Crisis: इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, यात्रियों के लिए 37 ट्रेनों में 116 कोच जोड़े गए

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास