Chamoli Cloudburst: देहरादून के बाद चमोली में बादल फटा, 6 घर मलबे में दबे; 7 लोग लापता
By अंजली चौहान | Updated: September 18, 2025 08:27 IST2025-09-18T08:25:35+5:302025-09-18T08:27:21+5:30
Chamoli Cloudburst: बादल फटने के बाद की स्थिति को दर्शाने वाले कथित दृश्य सोशल मीडिया पर सामने आए, जिसमें नदी में उफान और इमारतों तथा सड़कों को हुए नुकसान को दिखाया गया।

Chamoli Cloudburst: देहरादून के बाद चमोली में बादल फटा, 6 घर मलबे में दबे; 7 लोग लापता
Chamoli Cloudburst: देवभूमि कहा जाने वाला उत्तराखंड इस समय प्रकृति के प्रकोप से जूझ रहा है। राज्य में एक के बाद एक कई बादल फटने की घटनाएं हो चुकी है और एक बार फिर चमोली में बादल फटने से तबाही मच गई है। चमोली जिले के नंदानगर घाट इलाके में गुरुवार सुबह बादल फटने के बाद कम से कम पाँच लोग लापता हो गए। ज़िला मजिस्ट्रेट ने बताया कि शहर के कुंत्री लंगाफली वार्ड में कई घर मलबे में दब गए।
उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदानगर घाट अलकनंदा नदी के पास स्थित है। बादल फटने के बाद की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं, जिनमें नदी में उफान और इमारतों व सड़कों को हुए नुकसान को दिखाया गया।
भारी बारिश के बाद कम से कम सात लोग लापता हैं। कम से कम 10-12 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त बताए जा रहे हैं... क्षतिग्रस्त घरों की संख्या बढ़ सकती है। कुछ दुकानें प्रभावित हुई हैं,” पीटीआई समाचार एजेंसी ने ज़िला मजिस्ट्रेट डीएम संदीप तिवारी का एक वीडियो साझा किया।
#WATCH | Uttarakhand | Chamoli District Magistrate Sandeep Tiwari told ANI, "A cloudburst caused damage in the Nandanagar Ghat area of Chamoli district on Wednesday night. Six houses were buried under debris in the Kuntri Langafali ward of Nandanagar. The District Magistrate… pic.twitter.com/oNWiRwzxYw
— ANI (@ANI) September 18, 2025
ज़िला आपदा प्रबंधन केंद्र ने बताया कि भूस्खलन के मलबे ने नगर पंचायत नंदानगर के कुंत्री वार्ड में आधा दर्जन घरों को तबाह कर दिया।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन के समय सात लोग घरों के अंदर थे, जिनमें से दो को ज़िंदा बचा लिया गया, जबकि पाँच अभी भी लापता हैं।
तिवारी ने गुरुवार सुबह बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय तहसील की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुँच गई हैं।
"हम जेसीबी की मदद से सड़कें खोलने की कोशिश कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि राहत दल अगले 30-45 मिनट में प्रभावित इलाकों में पहुँच जाएँगे।" उन्होंने आगे कहा, "राहत केंद्रों की पहचान कर ली गई है और हम जल्द से जल्द स्थानीय लोगों को इन राहत केंद्रों में पहुँचाएँगे।"
चमोली इस साल उत्तराखंड में मानसून के कहर से सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िलों में से एक रहा है, जहाँ कई बादल फटने और अचानक आई बाढ़ ने पहले ही काफ़ी नुकसान पहुँचाया है।
इस महीने की शुरुआत में एक अधिकारी ने कहा था कि केंद्र की एक अंतर-मंत्रालयी टीम इस मानसून में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए उत्तराखंड के सबसे ज़्यादा प्रभावित उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल ज़िलों का दौरा करेगी।