अलीगढ़: चाचा नेहरू मदरसा में मॉब लिंचिंग के शिकार लोगों के बच्चों को दी जा रही है सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

By रामदीप मिश्रा | Updated: October 8, 2019 12:16 IST2019-10-08T12:16:15+5:302019-10-08T12:16:15+5:30

स्कूल ट्रेनर अज़ीज़ुर्ररहमान का कहना है कि हम ट्रेनिंग एकेडमी में लड़कों और लड़कियों को ट्रेनिंग देते हैं, जिसमें कई मार्शल आर्ट फॉर्म हैं। यहां हमारे पास मॉब लिंचिंग के शिकार हुए लोगों के बच्चे हैं, जिनकी संख्या छह है।

Chacha Nehru Madarasa teaching self-defence to children of mob lynching victims in aligarh | अलीगढ़: चाचा नेहरू मदरसा में मॉब लिंचिंग के शिकार लोगों के बच्चों को दी जा रही है सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग

File Photo

Highlightsअलीगढ़ के एक मदरसा में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए लोगों के बच्चों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये छह बच्चे राजस्थान के अलवर जिले के निवासी हैं और इनकी उम्र छह से 12 वर्ष की है।

अलीगढ़ के एक मदरसा में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए लोगों के बच्चों को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये छह बच्चे राजस्थान के अलवर जिले के निवासी हैं और इनकी उम्र छह से 12 वर्ष की है। मिली जानकारी के अनुसार, बच्चों को शहर के चाचा नेहरू मदरसा में बॉक्सिंग, किक बॉक्सिंग, बुशो काई और कराटे सहित मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जा रही है।

खबरों के अनुसार, स्कूल ट्रेनर अज़ीज़ुर्ररहमान का कहना है कि हम ट्रेनिंग एकेडमी में लड़कों और लड़कियों को ट्रेनिंग देते हैं, जिसमें कई मार्शल आर्ट फॉर्म हैं। यहां हमारे पास मॉब लिंचिंग के शिकार हुए लोगों के बच्चे हैं, जिनकी संख्या छह है। इन्हें मार्शल आर्ट फॉर्म सिखाते हैं और ये बहुत उत्साह से भाग लेते हैं।

स्कूल के प्रिंसिपल रशीद अली के अनुसार, बच्चों को अकादमी में शहर स्थित अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्र द्वारा लाया गया था। उन्होंने कहा कि छात्र अलवर स्थित उनके घरों में गए थे और उनके अभिभावकों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए कहा, जिसके बाद उनके परिजन बच्चों को भेजने के लिए तैयार हुए। वह उन्हें हमारे पास लाए और हमने उन्हें यहां भर्ती कराया। हम उन्हें स्कूल के किसी भी अन्य छात्र की तरह प्रशिक्षित करते हैं।

प्रिंसिपल ने कहा कि इन बच्चों को आत्मरक्षा में प्रशिक्षित करने का मुख्य उद्देश्य है। साथ ही साथ उनमें आत्मविश्वास की भावना जगाना और सकारात्मक दिशा में अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल करना सिखाया जा रहा है। हम उन्हें यह भी समझाने में मदद करने की कोशिश करते हैं कि उनके पिता के साथ क्या हुआ, उसे भूल जाओ।

प्रशिक्षण ले रहे बच्चों में से एक ने कहा कि हम पिछले एक साल से मार्शल आर्ट सीख रहे हैं। इसमें बॉक्सिंग, किक बॉक्सिंग, कराटे आदि शामिल हैं। उसे बहुत मजा आता है। उसके भाई साहिल ने भी देश के लिए खिलाड़ी बनने खेलने की इच्छा व्यक्त की।

 

Web Title: Chacha Nehru Madarasa teaching self-defence to children of mob lynching victims in aligarh

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