नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने कालाबाजारी, फर्जी आईएमईआई (IMEI) नंबर और मोबाइल फोन उपकरणों से छेड़छाड़ को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। दूरसंचार विभाग ने एक गजट अधिसूचना में सभी मोबाइल फोन निर्माताओं के लिए 1 जनवरी 2023 से पालन करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
दूरसंचार विभाग की अधिसूचना में कहा गया, "निर्माता मोबाइल फोन की पहली बिक्री से पहले दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल के साथ भारत में निर्मित प्रत्येक मोबाइल फोन की अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या पंजीकृत करेगा।" केंद्र ने देश में मोबाइल फोन के आयात से पहले दूरसंचार विभाग में भारत सरकार के भारतीय नकली डिवाइस प्रतिबंध पोर्टल के साथ पंजीकृत होने के लिए आयातित मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर को अनिवार्य कर दिया है।
मोबाइल फोन में फर्जी आईएमईआई नंबर या यहां तक कि डुप्लीकेट आईएमईआई नंबर मिलने की भी खबरें आई हैं। लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने पाया कि मेरठ में 13,500 वीवो स्मार्टफोन में समान आईएमईआई नंबर थे। नियमों के मुताबिक, भारत में बिकने वाले सभी मोबाइल फोन में यूनिक आईएमईआई नंबर होने चाहिए। यह नियम एप्पल और सैमसंग सहित ब्रांडों के आयातित मोबाइल फोन पर लागू होता है।
आईएमईआई नंबर एक अद्वितीय नंबर है जिसका उपयोग GSM, WCDMA और iDEN मोबाइल फोन की पहचान के लिए किया जाता है। हर मोबाइल फोन का एक यूनिक नंबर होता है, लेकिन डुअल सिम मोबाइल फोन के मामले में दो आईएमईआई नंबर होते हैं। चोरी होने पर आईएमईआई नंबर का उपयोग करके फोन को ट्रैक करना आसान होता है।
मोबाइल फोन असली है या नकली यह जांचने के लिए भी आईएमईआई नंबर का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर किसी मोबाइल फोन में यह नंबर नहीं है, तो इसका मतलब है कि यह फर्जी है। उपयोगकर्ता अपने फोन से #06# डायल करके इसे खरीदने से पहले अपने फोन के आईएमईआई नंबर की जांच कर सकते हैं।