गगनयान, चंद्रयान-3 मिशन कब अंतरिक्ष में जाएंगे? संसद में सरकार ने दिया जवाब
By शिवेंद्र राय | Published: July 21, 2022 05:46 PM2022-07-21T17:46:24+5:302022-07-21T17:49:03+5:30
एबॉर्ट मिशन किसी अनहोनी होने की स्थिति में अंतरिक्षयान की उड़ान के दौरान क्रू मेंबर को बीच में इससे निकालने की प्रक्रिया होती है। इसरो इस बेहद मुश्किल प्रक्रिया का परीक्षण इस साल के अंत में करेगा। एबॉर्ट मिशन का परीक्षण गगनयान मिशन का ही एक हिस्सा है। केंद्र ने एक लिखित जवाब में यह भी कहा कि देश में नया इसरो केंद्र स्थापित करने की कोई योजना नहीं है।
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) गगनयान मिशन की तैयारियों में जुटा है। इसके लिए इसरो पहले एबॉर्ट डेमोस्ट्रेशन मिशन (Abort Demonstration Mission) का टेस्ट करेगा जिससे की किसी अनहोनी की स्थिति में अंतरिक्षयान से क्रू के सदस्यों को निकाला जा सके।
विशेषज्ञों को उम्मीद है कि पहला अन-क्रू मिशन साल 2023 के अंत तक शुरू हो जाएगा लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक 9,023 करोड़ रुपये की इस महात्वाकांक्षी परियोजना से संबंधित मामले पर कुछ नहीं कहा है। संसद में कांग्रेस सांसद टीएन प्रतापन द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के जवाब में सरकार की से इस बड़े मिशन से पर्दा उठाया और कुछ जानकारियां उपलब्ध कराई।
गगनयान मिशन इसरो के सबसे चुनौतीपूर्ण उपक्रमों में से एक है। इसरो को कठिन मिशनों के लिए जाना जाता है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी गगनयान मिशन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इस बेहद महत्वपूर्ण और महात्वाकांक्षी मिशन में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे। इस मिशन के लिए भारतीय वायु सेना के चार अधिकारी, जिनके नाम गोपनीय हैं प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये चारो अधिकारी रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के साथ काम कर रहे हैं।
गगनयान मिशन की तैयारियों में जुटी इसरो पहले एबॉर्ट डेमोस्ट्रेशन मिशन का परीक्षण इस साल के अंत तक करेगी। इस बीच केंद्र ने 2023 में बहुप्रतीक्षित चंद्रयान -3 मिशन और आदित्य एल -1 मिशन को लॉन्च करने की योजना की घोषणा की है। चंद्रयान -3, चंद्रमा पर जाएगा। आदित्य एल-1 सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला मिशन होगा।
भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग ने कहा है कि चंद्रयान -3 मिशन और आदित्य एल -1 दोनों ही 2023 की पहली तिमाही में लॉन्च होंगे।
चंद्रयान -3, चंद्रयान -2 की जगह लेगा जो भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए सबसे बड़े नुकसान में से एक था। चंद्रयान -2 चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। आदित्य L1 मिशन सूर्य के कई गुणों का अध्ययन करेगा। केंद्र ने एक लिखित जवाब में यह भी कहा कि देश में नया इसरो केंद्र स्थापित करने की कोई योजना नहीं है।