Ambedkar Jayanti 2025: केंद्र ने 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर अवकाश घोषित किया
By रुस्तम राणा | Updated: March 28, 2025 18:29 IST2025-03-28T18:27:19+5:302025-03-28T18:29:12+5:30
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह घोषणा करते हुए कहा, "संविधान के शिल्पकार, समाज में समानता के नए युग की स्थापना करने वाले हमारे बाबा साहेब पूज्य डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर अब राजकीय अवकाश होगा।"

Ambedkar Jayanti 2025: केंद्र ने 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती पर अवकाश घोषित किया
Ambedkar Jayanti 2025: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को समाज और संविधान में उनके योगदान के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह घोषणा करते हुए कहा, "संविधान के शिल्पकार, समाज में समानता के नए युग की स्थापना करने वाले हमारे बाबा साहेब पूज्य डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर अब राजकीय अवकाश होगा।" शेखावत ने कहा, "बाबा साहेब के अनन्य अनुयायी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने यह निर्णय लेकर राष्ट्र की भावना को सम्मान दिया है।"
संविधान के शिल्पकार, समाज में समानता के नए युग की स्थापना करने वाले हमारे बाबा साहेब पूज्य डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती पर अब राजकीय अवकाश होगा।
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) March 28, 2025
बाबा साहेब के अनन्य अनुयायी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने यह निर्णय लेकर राष्ट्र की भावना को सम्मान दिया है। pic.twitter.com/f8eWuKsxmd
डॉ. अंबेडकर कौन थे?
डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के नाम से जाना जाता है, का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। उन्हें भारत के दलित आंदोलन के नेता के रूप में व्यापक रूप से जाना जाता है। अंबेडकर एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद् और भारत के संविधान के मुख्य निर्माता थे। वे पिछड़ी जाति से वकील बनने वाले पहले व्यक्ति थे। उनके मूल उपनाम, अंबावेडकर को उनके शिक्षक ने बदलकर अंबेडकर कर दिया था। डॉ. अंबेडकर डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय भी थे। ऐसा कहा जाता है कि वे नौ भाषाओं में पारंगत थे। 6 दिसंबर, 1956 को 65 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।