भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का जेल में रहना ठीक नहीं: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले

By कोमल बड़ोदेकर | Updated: March 31, 2018 14:13 IST2018-03-31T14:13:16+5:302018-03-31T14:13:16+5:30

चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से 8 जून 2017 को गिरफ्तार किया और तब से वह जेल में बंद है।

central minister ramdas athawale on bail of bhim army's president chandrashekhar azad ravan | भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का जेल में रहना ठीक नहीं: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले

भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद का जेल में रहना ठीक नहीं: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले

नई दिल्ली, 31 मार्च: अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) पर बीते दिनों आए सुप्रीम कोर्ट के फैसेले से एक ओर जहां दलित समुदाय में गुस्सा है वहीं सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों को एक नया मुद्दा मिल गया है। इस फैसले के विरोध में देश भर के तमाम दलित संगठनों ने 2 अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया है। इस पूरे मामले और दलितों से जुड़े सवालों के अलावा भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की रिहाई के मामले में लोकमत न्यूज ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले से विशेष बातचीत की।

एक ओर जहां केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने एससी-एसटी एक्ट के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने दलित नेता चंद्रशेखर की रिहाई के लिए कहा कि वह जल्द ही इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करेंगे। हमने चंद्रशेखर की रिहाई के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि, सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद से ही चंद्रशेखर जेल में बंद है उनका ज्यादा जेल में रहना ठीक नहीं है। उन्हें जल्द ही जेल से रिहा कराना होगा। आठवले ने कहा कि मैं खुद भी उनकी रिहाई के लिए प्रयत्न करूंगा।

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बता दें कि बीते साल 5 मई 2017 को सहारनपुर से 25 किलोमीटर दूर शब्बीरपुर गांव में राजपूतों और दलितों के बीच हिंसा हुई थी। इस हिंसा में कथित तौर पर दलितों के 25 घर जला दिए गए थे। वहीं एक शख्स की मौत हो गई थी। इस हिंसा के विरोध में जब प्रदर्शन किया गया तो पुलिस ने 37 लोगों को जेल में डाल दिया और 300 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। 

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इस पूरे मामले के बाद चंद्रशेखर आजाद उर्फ 'रावण' के नेतृत्व में भीम आर्मी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। जिसेक बाद वह पहली बार राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आए। बीबीसी.कॉम में छपे चंद्रेशेखर ने बताया कि भीम आर्मी संगठन एक गैर राजनीतिक और सामाजिक संगठन है। हम प्रशासन के रवैये से परेशान से हैं लेकिन संविधान को एक उम्मीद के रूप में देखते हैं। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2015 अक्टूबर में दलित समुदाय के बच्चों में शिक्षा के प्रसार के लिए भीम आर्मी/भीम सेना की स्थापना की गई थी। सितंबर साल 2016 में सहारपुर के छुटमलपुर में स्थित एएचपी इंटर कॉलेज में दलित छात्रों की कथित पिटाई के बाद हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पहली बार यह संगठन सुर्खियों में आया था।

सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में चंद्रेशखर पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई लेकिन उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई। इसके बाद कथित तौर पर फरार चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से 8 जून 2017 को गिरफ्तार किया और तब से वह जेल में बंद है।  

Exclusive Interview : केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले से लोकमत न्यूज की विशेष बातचीत

Web Title: central minister ramdas athawale on bail of bhim army's president chandrashekhar azad ravan

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