Cyber Crime: फर्जी लोन ऐप में फंसकर हो रहे साइबर फ्रॉड के शिकार, एक्शन में सरकार, ठगी से बचाने के लिए जारी की एडवाइजरी
By आकाश चौरसिया | Updated: July 7, 2024 14:42 IST2024-07-07T14:05:35+5:302024-07-07T14:42:58+5:30
Cyber Crime: केंद्र सरकार ने लोन ऐप पर लोगों को आगाह करते हुए बताया कि यह विदेशी संस्थाओं से संबंधित है। दूसरी तरफ अब इस तरह के अपराध पर नकेल कसने के लिए आरबीआई नई योजना पर काम कर रहा।

फाइल फोटो
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आए दिन मिल रही शिकायतों के बाद ऑनलाइन लोन ऐप के खिलाफ लोगों को आगाह किया, जिसका नाम कैशएक्सपैंड-यू फाइनेंस एसिसटेंट बताया। सरकार के साइबर क्राइम विभाग के साथ काम करने वाले साइबर दोस्त के 'एक्स' सोशल मीडिया हैंडल से इस ऐप के विरुद्ध सभी को अलर्ट किया। साथ ही ये भी कहा है कि ऐसे ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है।
साइबर दोस्त 'एक्स' हैंडल से कहा, “सावधान! ऐसा समझा जाता है कि कैशएक्सपैंड-यू फाइनेंस असिस्टेंट - लोन ऐप शत्रुतापूर्ण विदेशी संस्थाओं से जुड़ा हुआ है।#LoanApps #Cybercrime #DigitalSafety #Lending #I4C #MHA #Cyberdost #Cybersecurity #CyberSafeIndia,''।
साइबर दोस्त ने उल्लेख किया कि यह ऐप विदेशी संस्थाओं से संबंधित है। पोस्ट में ये भी कहा गया है, ''ऐसा पता चला है कि यह कर्ज देने वाला ऐप को विदेशी संस्थाओं द्वारा गलत तरीके से भारत के खिलाफ होस्ट किया गया।''
Beware! The CashExpand-U Finance Assistant - Loan app is learnt to be associated with hostile foreign entities. #LoanApps#Cybercrime#DigitalSafety#Lending#I4C#MHA#Cyberdost#Cybersecurity#CyberSafeIndia@RBI@GooglePlay@FinMinIndiapic.twitter.com/yrKDTCPR41
— Cyber Dost (@Cyberdost) July 5, 2024
यह सुनिश्चित करने के लिए कि साइबर दोस्त के जरिए बताया गया कि आपके डेटा का उल्लंघन न हो, उपयोगकर्ताओं को तुरंत अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से कैशएक्सपैंड -यू फाइनेंस असिस्टेंट ऐप को हटा देना चाहिए। इन ऐप के जरिए बहुत ही जल्द छोटे कर्ज देने की बात सामने आई है। हालांकि, ये भी बताया गया है कि इस तरह के ऐप बहुत ज्यादा विश्वसनीय भी नहीं और इससे अपनी वित्तीय जानकारी साझा न करें।
FY23 में इतनी शिकायत हुई दर्ज
वि्त्त मंत्रालय के द्वारा पिछले साल साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक ऐसे ऐप से जुड़ी 1,062 शिकायतों को दर्ज किया जा चुका है। गूगल ने भी सख्ती दिखाते हुए 134 फेक ऐप को अपने प्ले स्टोर से डिलीट सितंबर, 2023 तक कर दिया था।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अप्रैल में डिजिटल लोन ऐप पर कैंची चलाई थी। इस तरह के कदम से सीधा संदेश था कि डिजिटली पारदर्शिता लाना था। दिसंबर, 2023 में मौद्रिक नीति बैठक, केंद्रीय बैंक ने लोन प्रोडेक्ट बेचने वालों पर एक फ्रेमवर्क तैयार किया था। यह तब केंद्रीय बैंक ने किया जब उसके सामने डिजिटल लोन से जुड़े लोगों को ठगा गया था।
RBI का प्लान तैयार
आरबीआई डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी को साइबर अपराधों और अनाधिकारिक लोन ऐप से निपटने के लिए तैयार करने की योजना बना रही है। एजेंसी डिजिटल फेर लोन ऐप को वैरिफाई करेगी और उसके पब्लिक रजिस्ट्री हुई या नहीं, इसकी भी जांच करेगी। जो भी ऐप डिजिइटा वैरिफाई नहीं होंगे, उन्हें अवैध करार दिया जाएगा। इस तरह से डिजिटा लोन ऐप की पारदर्शिता, जिम्मेदारी पर नियंत्रण रखेगी।