केन्द्र जाति आधारित जनगणना कराए, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील दे: पवार
By भाषा | Updated: August 16, 2021 17:39 IST2021-08-16T17:39:59+5:302021-08-16T17:39:59+5:30

केन्द्र जाति आधारित जनगणना कराए, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील दे: पवार
मुंबई, 16 अगस्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को केंद्र से जाति आधारित जनगणना कराने और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा में ढील देने को कहा।
पवार ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ जनमत तैयार करेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी दावा किया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को गुमराह किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ ओबीसी की सूची तैयार करने संबंधी दो साल पहले छीने गये राज्यों के अधिकार को बहाल करने का संवैधानिक संशोधन महज दिखावा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब तक 50 प्रतिशत की सीमा में ढील नहीं दी जाती, तब तक मराठा कोटा बहाल नहीं किया जा सकता है। इसी तरह, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर प्रायोगिक आंकड़े राज्यों के साथ साझा किये जाने चाहिए। जब तक आंकड़े उपलब्ध नहीं होंगे, तब तक यह पता नहीं चल सकता है कि छोटी जातियों को कितना प्रतिनिधित्व देने की जरूरत है।”
पवार ने कहा कि ज्यादातर राज्यों में आरक्षण 60 फीसदी से ऊपर है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी के सामने बोलने के लिए किसी को तो हिम्मत दिखानी होगी। संविधान संशोधन का एकमात्र मकसद धोखा है।’’
गौरतलब है कि 10 अगस्त को, लोकसभा ने राज्यों को यह तय करने की अनुमति देते हुए एक विधेयक पारित किया कि उनके यहां ओबीसी कौन हैं। 127 वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2021, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) की पहचान करने के लिए राज्यों की शक्ति को पुन: बहाल करता है।
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