क्या सच में CCD के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ को आयकर विभाग के अधिकारियों ने परेशान किया था? जानें हर पहलू 

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 31, 2019 12:58 PM2019-07-31T12:58:25+5:302019-07-31T12:58:25+5:30

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता एस एम कृष्णा के दामाद सिद्धार्थ को आखिरी बार सोमवार रात दक्षिण कन्नड़ जिले के कोटेपुरा क्षेत्र में नेत्रवती नदी पर एक पुल पर देखा गया था।

CCD VG Siddhartha found dead torture By Income Tax, here is all detail about this claim | क्या सच में CCD के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ को आयकर विभाग के अधिकारियों ने परेशान किया था? जानें हर पहलू 

क्या सच में CCD के मालिक वी.जी. सिद्धार्थ को आयकर विभाग के अधिकारियों ने परेशान किया था? जानें हर पहलू 

Highlights36 घंटों की गहन तलाश के बाद कैफे कॉफी डे' (CCD) के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ का शव मिला है। वी.जी. सिद्धार्थ को आयकर अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने के कारण कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है। 

'कैफे कॉफी डे' (CCD) के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ का शव बुधवार (31 जुलाई) को कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी से बरामद किया गया। सिद्धार्थ सोमवार से लापता थे और 36 घंटों की गहन तलाश के बाद उनका शव बरामद हुआ। उनका शव उल्लाल के निकट नदी किनारे आ गया था और स्थानीय मछुआरों ने उसे निकाला। इस पूरे मामले में आयकर विभाग के अधिकारियों द्वारा सिद्धार्थ को परेशान करने का भी मामला सामने आया है। वी.जी. सिद्धार्थ को आयकर अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने के कारण कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है। 

आयकर विभाग वाले मामले का खुलासा तह हुआ जब 30 जुलाई को वी जी सिद्धार्थ का खत बरामद हुआ। जो वी. जी. सिद्धार्थ ने लापता होने से पहले CCD के स्टाफ के लिए लिखा था। खत में वी.जी. सिद्धार्थ ने फाइनेंशियल स्ट्रग्ल और फेल बिजनेस मॉडल के बारे में लिखा था और अपने स्टाफ से माफी भी मांगी थी। इसी खत में उन्होंने आयकर विभाग के अधिकारी के बारे में जिक्र किया था। पत्र में वी.जी. सिद्धार्थ ने यह भी दावा किया था कि इनकम टैक्स के पूर्व अधिकारी ने उनके साथ उत्पीड़न किया था। हालांकि उन्होंने खत में उनका नाम और पहचान नहीं बताया था। जिसके बाद से यह पूरा विवाद चल रहा है। 

इस मामले पर आज श्रृंगेरी के विधायक टी. डी. राजेगौड़ा ने कहा,  वी जी सिद्धार्थ आयकर विभाग की प्रताड़ना से थोड़ा परेशान थे, सभी देन दारियों को निपटाने के लिए 2-3 संपत्तियों को बेचना चाहते थे क्योंकि उनके पास देन दारियों से अधिक संपत्ति नहीं थी।

आयकर विभाग ने वी जी सिद्धार्थ के खिलाफ अपनी जांच में कानून के अनुसार काम किया: सूत्र

वहीं, पीटीआई भाषा के आधिकारिक सूत्रों ने इस बात का दावा किया है कि आयकर विभाग ने वी जी सिद्धार्थ के खिलाफ अपनी जांच में कानून के अनुसार काम किया है। पत्र में सिद्धार्थ ने कहा है कि आयकर विभाग की ओर से काफी प्रताड़ित किया गया। यह ''हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त करने और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार लेने के तौर पर आया जबकि हमने संशोधित रिटर्न दाखिल कर दिया था।''  उन्होंने कहा, ''यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा।''

आरोपों को खारिज करते हुए सूत्रों ने कहा कि विभाग की ओर से अस्थायी जब्ती की कार्रवाई ''राजस्व हितों'' के संरक्षण के लिए की गई थी और वह तलाशी या छापों के दौरान जुटाये गए विश्वसनीय साक्ष्यों पर आधारित था। सूत्रों ने पीटीआई से कहा, 'विभाग ने आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप कार्य किया।'  उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ को माइंडट्री शेयर की बिक्री से 3200 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे लेकिन सौदे पर देय कुल 300 करोड़ रुपये के न्यूनतम वैकल्पिक कर में से मात्र 46 करोड़ रुपये का भुगतान किया। 

उन्होंने दावा किया कि सिद्धार्थ के नाम के नीचे उनके हस्ताक्षर वाला जो पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है वह विभाग के पास उपलब्ध रिकार्ड से ''मेल नहीं खाता।'' (पीटीआई इनपुट के साथ) 

Web Title: CCD VG Siddhartha found dead torture By Income Tax, here is all detail about this claim

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