CBSE Board 2024: 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में एमसीक्यू पर फोकस, लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों पर वेटेज कम, जानें क्या है कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 6, 2023 20:18 IST2023-04-06T20:17:26+5:302023-04-06T20:18:18+5:30
CBSE Board 2024: बदलाव हालांकि केवल 2023-24 शैक्षणिक सत्र तक ही सीमित हो सकता है क्योंकि अगले साल नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) की शुरुआत के साथ बोर्ड परीक्षाओं में सुधार होने की संभावना है।

लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भारांक पिछले वर्ष के 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है।
CBSE Board 2024: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 2024 में आयोजित होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए अधिक बहुविकल्पीय प्रश्न (एमसीक्यू) शुरू करके और लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के लिए भारांक (वेटेज) कम करके अपनी मूल्यांकन योजना को नया रूप दिया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह बदलाव हालांकि केवल 2023-24 शैक्षणिक सत्र तक ही सीमित हो सकता है क्योंकि अगले साल नए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) की शुरुआत के साथ बोर्ड परीक्षाओं में सुधार होने की संभावना है। सीबीएसई के निदेशक (अकादमिक) जोसेफ इमैनुएल ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में 21वीं सदी की चुनौतियों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने के लिए छात्रों की रचनात्मक और महत्वपूर्ण सोच क्षमताओं को विकसित करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हुए रट्टा मारने से आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए परीक्षा और मूल्यांकन प्रथाओं में योग्यता केंद्रित शिक्षा के मूल्यांकन को शामिल करने के लिए बदलाव ला रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगले सत्र में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में वास्तविक जीवन की परिस्थितियों में अवधारणाओं के अनुप्रयोग पर अधिक प्रश्न होंगे।’’
कक्षा 10वीं में, 50 प्रतिशत सवाल एमसीक्यू आधारित प्रश्न, स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न या किसी अन्य प्रकार के रूप में योग्यता-आधारित होंगे। पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का भारांक 40 प्रतिशत था। वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत भारांक के साथ बहुविकल्पीय होंगे।
लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भारांक पिछले वर्ष के 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह, कक्षा 12वीं में, 40 प्रतिशत प्रश्न एमसीक्यू प्रश्न, स्रोत-आधारित एकीकृत प्रश्न या किसी अन्य प्रकार के रूप में योग्यता-आधारित होंगे।
पिछले शैक्षणिक सत्र में ऐसे प्रश्नों का भारांक 30 प्रतिशत था। बारहवीं कक्षा में भी वस्तुनिष्ठ प्रश्न अब अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत भारांक के साथ बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों का भारांक पिछले वर्ष के 50 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है।
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) के मसौदे के अनुसार, कक्षा 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों (टर्म) में कराई जा सकती हैं और कक्षा 10वीं और 12वीं के अंतिम परिणाम पिछली कक्षा के अंकों को ध्यान में रख कर तय किये जा सकते हैं।
एनसीएफ, जिसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार किया जा रहा है में कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए विज्ञान, कला या मानविकी और वाणिज्य स्ट्रीम में विभाजित करने की मौजूदा प्रथा को दूर करने का भी प्रस्ताव किया गया है। एनसीएफ को आखिरी बार 2005 में संशोधित किया गया था।
वर्ष 2009 में कक्षा 10वीं के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) की शुरुआत की गई थी, लेकिन 2017 में इसे रद्द कर दिया गया और बोर्ड साल के अंत में परीक्षा के पुराने मॉडल को फिर बहार कर दिया था। कोविड महामारी के दौरान कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी दो सत्रों में विभाजित किया गया था, लेकिन इस वर्ष महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए साल के अंत में परीक्षा के पुराने प्रारूप को फिर से शुरू किया गया था। एनसीएफ के मसौदे में 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए दो सत्रों में परीक्षाओं को कराने का प्रस्ताव है।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, जो मसौदा अंतिम चरण में है, उसे हितधारकों से प्रतिक्रिया के लिए जल्द ही सार्वजनिक किया जायेगा और नई व्यवस्था 2024 शैक्षणिक सत्र से लागू की जाएगी। कक्षा नौंवी और 10वीं के लिए संरचना के बारे में बताते हुए एनसीएफ के मसौदे में कहा गया है, ‘‘कक्षा 10वीं को पूरा करने के लिए छात्रों को कक्षा नौंवी और 10वीं के दो वर्षों में कुल आठ-आठ पाठ्यचर्या क्षेत्रों में से प्रत्येक से दो आवश्यक पाठ्यक्रम पूरे करने होंगे।’’ एनसीएफ को चार बार 1975, 1988, 2000 और 2005 में संशोधित किया गया है।