CBSE: 10th-12th की शेष परीक्षाएं रद्द, बारहवीं के छात्रों को पिछली 3 परीक्षाओं के आधार पर असेसमेंट कर किया जाएगा पास
By एसके गुप्ता | Published: June 25, 2020 09:11 PM2020-06-25T21:11:56+5:302020-06-25T21:11:56+5:30
सरकार की ओर से न्यायालय को जानकारी दी गई है कि सीबीएसई दसवीं की बची हुईं परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी। जहां तक बारहवीं की परीक्षाओं का प्रश्न है तो छात्रों को स्थितियां सुधरने पर परीक्षा देने या फिर पिछली 3 परीक्षाओं के आधार पर असेसमेंट कर उत्तीर्ण करने का विकल्प तय किया गया है। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि असेसमेंट रिजल्ट 15 जुलाई तक आ जाएगा।
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा (सीबीएसई) की एक से 15 जुलाई के बीच होने वाली परीक्षाएं अब नहीं होंगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दसवीं –बारहवीं की शेष परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया है। सरकार की ओर से यह जानकारी गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट में दी गई है। सीबीएसई ने छात्रों के लिए यह विकल्प भी खुला रखा है कि अगर कोरोना की स्थिति सामान्य हो जाती है तो छात्र परीक्षा का विकल्प चुन सकते हैं। आईसीएसई बोर्ड ने भी न्यायालय को सूचित किया कि उसने भी दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया है और फिर परीक्षा कराने का कोई विकल्प नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के कथन का संज्ञान लिया और सीबीएसई को नई अधिसूचना जारी करके कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं का विवरण स्पष्ट करने का निर्देश दिया। जिसे लेकर मामले पर शुक्रवार को भी सुनवाई होगी।
बोर्ड परीक्षा मामले की सुनवाई गुरूवार को तीन जजों की बेंच एएम खानविलकर, दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना के समक्ष हुई। सरकार की ओर से न्यायालय को जानकारी दी गई है कि सीबीएसई दसवीं की बची हुईं परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी। जहां तक बारहवीं की परीक्षाओं का प्रश्न है तो छात्रों को स्थितियां सुधरने पर परीक्षा देने या फिर पिछली 3 परीक्षाओं के आधार पर असेसमेंट कर उत्तीर्ण करने का विकल्प तय किया गया है। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि असेसमेंट रिजल्ट 15 जुलाई तक आ जाएगा। केंद्र ने कोर्ट को जानकारी दी कि बारहवीं कक्षा के छात्रों का पिछली परीक्षा के आधार पर मूल्यांकन करने की योजना तैयार कर ली गई है। इसके अलावा बारहवीं के छात्रों के पास बाद में परीक्षाएं देने का विकल्प भी होगा। कोरोना की स्थिति ठीक होने पर यह विकल्प सितंबर-अक्टूबर में दिया जाएगा।
दरअसल, कुछ अभिभावकों ने 1 से 15 जुलाई तक होने वाली शेष बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करके इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्रों का रिजल्ट बनाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में तर्क दिया गया था कि कोविड-19 महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है और परीक्षा के लिए बच्चों को भेजने से उन्हें खतरा हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पेरेंट्स की याचिका पर सीबीएसई से कहा था कि वह बोर्ड की शेष बची परीक्षाएं रद्द करने और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट जारी करने के अनुरोध पर विचार करे।
कोर्ट को फैसलें को ऐसे समझें :
-दसवीं की परीक्षाएं नहीं होंगी। यह परीक्षाएं केवल दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में होनी थीं, जिन्हें अब रद्द कर दिया है और छात्रों ने जितनी परीक्षाएं दीं हैं उसके आधार पर असेसमेंट कर उनका रिजल्ट जारी किया जाएगा। जबकि पूरे देश में दसवीं की परीक्षाएं पूरी ली गई हैं।
-बारहवीं की शेष परीक्षाएं रद्द की गई हैं। छात्रों ने जो तीन पेपर दिए हैं उनके आधार पर उनका असेसमेंट कर रिजल्ट जारी किया जाएगा। यह फार्मूला क्या होगा? इसका विवरण बोर्ड की ओर से कल कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया जाएगा।
- बोर्ड की ओर से 15 जुलाई तक असेसमेंट के आधार पर परिणाम जारी कर दिया जाएगा।
-यह भी चर्चा है कि इंटरनल असेसमेंट के आधार पर छात्रों को ग्रेड दिए जा सकते हैं। यह ग्रेडिंग सिस्टम पूरे देश में लागू होगी। ग्रेड उन पेपरों के आधार पर तय होंगे जिनकी परीक्षाएं छात्र दे चुके हैं।