NEET Exam Paper Leak: सीबीआई ने संभाली नीट परीक्षा पेपर लीक जांच की जिम्मेवारी, ईओयू से ले लिए सारे दस्तावेज
By एस पी सिन्हा | Updated: June 24, 2024 16:19 IST2024-06-24T16:18:19+5:302024-06-24T16:19:39+5:30
गृह विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी कर राजधानी के शास्त्री नगर थाने में 5 जून 2024 को दर्ज केस संख्या- 558 को सीबीआई को सुपुर्द करने का आदेश दिया। इसके बाद सोमवार की सुबह सीबीआई की टीम को सारे कागजात सौंप दिये गए।

NEET Exam Paper Leak: सीबीआई ने संभाली नीट परीक्षा पेपर लीक जांच की जिम्मेवारी, ईओयू से ले लिए सारे दस्तावेज
पटना: नीट परीक्षा पेपर लीक केस की जिम्मेवारी मिलने के बाद सीबीआई की टीम जांच करने दिल्ली से पटना पहुंची और बिहार के आर्थिक अपराध इकाई(ईओयू) से संपर्क साधा। ईओयू से पेपर लीक से संबंधित कागजातों और अब तक हुई जांच रिपोर्ट मांगी। वहीं, गृह विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी कर राजधानी के शास्त्री नगर थाने में 5 जून 2024 को दर्ज केस संख्या- 558 को सीबीआई को सुपुर्द करने का आदेश दिया। इसके बाद सोमवार की सुबह सीबीआई की टीम को सारे कागजात सौंप दिये गए। अब सीबीआई इन कागजातों की तहकीकात के बाद आगे की कार्रवाई शुरू करेगी।
इस तरह से नीट परीक्षा पेपर लीक केस की जांच का संपूर्ण जिम्मा अब सीबीआई के पास हो गया है। बता दें कि सीबीआई जांच शुरू करने से पहले नीट यूजी पेपर लीक मामले में बिहार की ईओयू ने जांच की और जानकारी साझा की। इओयू ने कहा है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेपर के स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन और हैंडओवर के बारे में दिए गए डिटेल से पता चलता है कि इस सिस्टम में खामियां हैं। जांच में संजीव मुखिया गिरोह की संलिप्तता का पता चला है। मुखिया नालंदा का निवासी है।
जांच से यह भी पता चलता है कि लीक हुए पेपर को हल करके आरोपी बलदेव उर्फ चिंटू को भेजा गया था, जिसने फिर उसे प्रिंट करके लर्न बॉयज प्ले स्कूल में छात्रों को दिया। चिंटू संजीव मुखिया के गिरोह का सदस्य है। पेपर कोड का मिलान झारखंड के हजारीबाग स्थित एक केंद्र से किया गया है। इस बीच एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई की टीम ईओयू से इस मामले से संबंधित सभी साक्ष्य एकत्र करने में जुटी है। उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग पटना में न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई की टीम अदालत से ट्रांजिट रिमांड हासिल करके विस्तृत पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली ले जा सकती है।
ईओयू अधिकारी ने यह भी बताया कि सीबीआई सबूतों को नष्ट करने को लेकर इस मामले में कई प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। इतना ही नहीं, उन आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) के मामले भी दर्ज कर सकती है, जो सरकारी कर्मचारी हैं। गिरफ्तार आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु, दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर है, उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जा सकता है। उसने कथित तौर पर अपनी आय के अधिक संपत्ति अर्जित की है।