दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दे सकती है, जिसमें कोर्ट ने सीबीआई से एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर वापस लेने और माफी मांगने का आदेश दिया है।
खबरों के मुताबिक गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने आकार पटेल को सीबीआई के लुकआउट सर्कुलर से राहत दी थी। पटेल सीबीआई के उस लुकआउट सर्कुलर के खिलाफ कोर्ट में उस घटना के बाद पहुंचे थे, जिसमें जांच एजेंसी ने उन्हें बुधवार को बेंगलुरु हवाई अड्डे से अमेरिका जाने वाली फ्लाइट पकड़ने से रोक दिया था।
कोर्ट ने सीबीआई द्वारा लुकआउट सर्कुलर को वापस लेने के अलावा बड़े ही तल्ख लहजे में एजेंसी के निदेशक को आदेश दिया था कि वो अपने अधिनस्थों की ओर से आकार पटेल से लिखित में माफी भी मांगे।
कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात को स्पष्ट करते हुए कहा था, "इस गैर जिम्मेदाराना हरकत के लिए सीबीआई प्रमुख अपने अधीनस्थ से हुई चूक को स्वीकार करें और आकार पटेल से लिखित माफी मांगेष जिससे आकार पटेल की तकलीफें कम होने में मदद मिलेगी और साथ ही इससे जनता के बीच एजेंसी के भरोसे को बहाल करने में मदद मिलेगी।"
कोर्ट ने इस आदेश को पटेल के वकील तनवीर अहमद मीर की उस दलील के आधार पर दिया। जिसमें वकील मीर ने कहा था कि एजेंसी ने बिना किसी वारंट के आकार पटेल को हवाई यात्रा से रोककर उनके मौलिक अधिकारों का उलंघन किया है।
पटेल के वकील तनवीर अहमद मीर ने कोर्ट से कहा कि जब उनके मुवक्किल जांच एजेंसी को हर तरह से सहयोग करने को तैयार हैं तो उसके बावजूद एजेंसी द्वारा इस तरह उन्हें रोका जाना पूरी तरह से असंवैधानिक है और इस तरह के कदम का कोई औचित्य नहीं बनता है।
मालूम हो कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल जब अमेरिका जा रहे थे, उसी वक्त एजेंसी ने उन्हें एफसीआरए (विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 के मामले में जारी हुए लुकआउट सर्कुलर का हवाला देते हुए हवाई अड्डे पर देश छोड़ने से रोक दिया गया।
आकार पटेल पूर्व में 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित तमाम विषयों पर काम कर चुके हैं और इस संबंध में "सही और गलत" नाम से एक रिपोर्ट भी दे चुके हैं, जिसे भारत सहित पाकिस्तान के भी कई अखबारों में प्रकाशित हो चुका है।