नयी दिल्ली, 29 जनवरी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा एवं गुंटूर में इंडियन ओवरसीज बैंक के छह अधिकारियों पर कथित रूप से 4.56 करोड़ रूपये का गबन करने का मामला दर्ज किया है। यह राशि पुलिसकर्मियों को बेनकदी उपचार उपलब्ध कराने से जुड़ी राज्य सरकार की एक योजना के खातों से निकाली गयी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एजेंसी ने इस मामले में आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में कई स्थानों की तलाशी भी ली।
सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने कहा, ‘‘ आरोप है कि आरोग्य भद्रथ के सचिव के गुंटूर में इंडियन ओवरसीज बैंक की मंगलागिरि शाखा में बचत खाते थे और उन्होंने चार खातों में 90-90 लाख रूपये तथा एक अन्य खाते में 68.84 लाख रूपये जमा कराए थे। इस तरह इन खातों में उनके 4.28 करोड़ रूपये थे।’’
आरोपी अधिकारियों ने खाताधारक के किसी अनुरोध के बिना ही इन खातों को बंद कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ आरोप यह भी है कि आरोग्य भद्रथ के सचिव के इन चारों खातों की 3.87 करोड़ रूपये की जमाराशि और एक अन्य खाते से 68.84 लाख रूपये (करीब) अलग अलग तिथियों में थोड़े-थोड़े करके निकाले गये और उन्हें विभिन्न बैंक कार्यालयों के खातों एवं तीसरे पक्ष के खातों से होते हुए असंबंधित खाते में अंतरित कर दिया गया। ’’
भद्रथ और आरोग्य भद्रथ आंध्रप्रदेश सरकार की पुलिसकर्मियों को बेनकदी उपचार उपलब्ध कराने की योजना है।
एजेंसी ने विजयवाड़ा में क्षेत्रीय कार्यालय में तत्कालीन क्षेत्रीय संसाधन प्रबंधक हेली वीपुरी , मंगलागिरि शाखा के तत्कालीन अधिकारियों -- सहायक प्रबंधक वी सुरेश, डी नरसिम्हा और के सुरेश तथा लिपिकों-- एम आदिनारायण मुरली और एम प्रवीण श्याम पर मामला दर्ज किया है। वीपुरी 2016-19 के बीच शाखा प्रमुख थे जबकि अन्य अधिकारी अलग अलग समय पर वहां तैनात थे।
इस संबंध में संपर्क करने पर वीपुरी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
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