लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले मुलायम सिंह-अखिलेश यादव को बड़ी राहत, आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI ने दी क्लीन चिट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 21, 2019 11:07 IST2019-05-21T10:43:51+5:302019-05-21T11:07:58+5:30

CBI files an affidavit in Supreme Court against Mulayam Singh Yadav and Akhilesh Yadav in connection with a disproportionate assets case. | लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले मुलायम सिंह-अखिलेश यादव को बड़ी राहत, आय से अधिक संपत्ति मामले में CBI ने दी क्लीन चिट

आय से अधिक संपत्ति के मामले में अखिलेश यादव-मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है।

Highlightsमुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं।समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 में बसपा के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ा है।

केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में आय से अधिक संपत्ति मामले में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ हलफनामा दायर किया है। हलफनामे में सीबीआई ने अखिलेश-मुलायम को क्लीन चिट दी है। सीबीआई ने कहा कि पिता और पुत्र के खिलाफ रेगुलर केस (आरसी) दर्ज करने के लिए उन्हें कोई सबूत नहीं मिला।

जानें पूरा मामला

 मार्च 2019 में सुप्रीम कोर्ट में मुलायम-अखिलेश यादव  के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इसके बाद चीफ जस्टिस  रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की नई याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुई थी।
 
राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी ने साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी वह मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और मुलायम के एक अन्य बेटे प्रतीक यादव के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई करे। सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2007 के अपने फैसले में सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह आरोपों की जांच करे और यह पता लगाए कि समाजवादी पार्टी के नेताओं की आय से अधिक संपत्ति के संदर्भ में लगाए गए आरोप 'सही है या नहीं'।

Web Title: CBI files an affidavit in Supreme Court against Mulayam Singh Yadav and Akhilesh Yadav in connection with a disproportionate assets case.