CBI घूसकांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, टीवी रिपोर्ट में दावा- CVC को नहीं मिले पैसे के लेनदेन के सबूत

By जनार्दन पाण्डेय | Published: November 12, 2018 11:38 AM2018-11-12T11:38:35+5:302018-11-12T11:44:30+5:30

सीबीआई विवाद में आज हो रही सुनवाई में यह तय हो जाएगा कि सीबीआई में शुरू हुए विवाद में सीवीसी आगे की जांच जारी रखेगी या नहीं। 

CBI crises hearing in Supreme Court, CVC did not get money transaction proof | CBI घूसकांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली, टीवी रिपोर्ट में दावा- CVC को नहीं मिले पैसे के लेनदेन के सबूत

सीबीआई विशेष निदेशक राकेश अस्‍थाना (बायें) व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा (फाइल फोटो)

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के शीर्ष अधिकारियों द्वारा एक-दूसरे पर घूस लेने के आरोपों के बाद शुरू हुए विवाद पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार तक आगे बढ़ा दी है। मामले पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) जांच कर रही है। सीवीसी ने सोमवार को जांच मिले तथ्यों की दो लिफाफा बंद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। इसके ‌लिए सीवीसी के चार शीर्ष अधिकारी सुप्रीम कोर्ट में पहुंचे।

ऐसा माना जाता रहा था कि आज हो रही सुनवाई में यह तय हो जाएगा कि सीबीआई में शुरू हुए विवाद में सीवीसी आगे की जांच जारी रखेगी या नहीं। लेकिन सुवाई शुक्रवार तक आगे बढ़ा दी गई है। एबीपी न्यूज अपनी टीवी रिपोर्ट्स में अपने सुत्रों के हवाले यह दावा कर रहा है कि सीवीसी की लिफाफा बंद रिपोर्ट में किसी तरह की पैसे की लेन-देन की बात सामने नहीं आ सकी है। यानी कि घूसकांड की जांच में किसी तरह के घूस से जुड़े तथ्य नहीं है।

उल्लेखनीय है न्यायालय ने सीवीसी को निर्देश दिया था कि वह सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ लगे आरोपों की अपनी प्रारंभिक जांच दो हफ्ते के भीतर पूरी करे। केंद्र सरकार ने वर्मा से सारे अधिकार वापस ले कर उन्हें छुट्टी पर भेज दिया है।

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आलोक वर्मा

सोमवार को होने वाली सुनवाई अहम है क्योंकि वर्मा के. वी. चौधरी की अध्यक्षता वाले सीवीसी के समक्ष पेश होते रहे हैं और समझा जाता है कि उन्होंने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को बिंदुवार तरीके से नकारा है।

वर्मा और अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद विवाद काफी गहरा गया था। बाद में केंद्र ने दोनों अधिकारियों को जबरन छुट्टी पर भेजा दिया और दोनों से उनके सारे अधिकार वापस ले लिए थे। केंद्र के इन्हीं फैसलों को वर्मा ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।

पिछली सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने वर्मा की अर्जी पर सुनवाई की। अब यह मामला न्यायमूर्ति गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है, जिस पर सोमवार को सुनवाई होनी है।

राकेश अस्‍थाना
राकेश अस्‍थाना

दो सदस्यीय पीठ से इस मामले की सुनवाई कराने का फैसला तब किया गया जब प्रधान न्यायाधीश ने हाल में पत्रकारों से अपनी अनौपचारिक वार्ता में कहा कि सोमवार और शुक्रवार को सिर्फ दो सदस्यों वाली पीठें बैठेंगी। न्यायालय ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश ए के पटनायक को वर्मा के खिलाफ सीवीसी जांच की निगरानी का जिम्मा सौंपा था।

बीते 26 अक्टूबर को वर्मा की अर्जी पर हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने केंद्र और सीवीसी को नोटिस जारी किया था और सीवीसी को जांच पूरी करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया था।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट से)

Web Title: CBI crises hearing in Supreme Court, CVC did not get money transaction proof

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