नयी दिल्लीः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व सांसद विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के चाचा वाई एस भास्कर रेड्डी को गिरफ्तार किया है। आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के भाई और जगन रेड्डी के चाचा विवेकानंद 15 मार्च 2019 को आंध्र विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले पुलिवेंदुला स्थित अपने आवास पर मृत पाए गए थे।
शुरू में राज्य अपराध जांच विभाग के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले की जांच की थी, लेकिन जुलाई 2020 में यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया था। सीबीआई ने 26 अक्टूबर 2021 को विवेकानंद की हत्या के मामले में आरोपपत्र दायर किया था। जांच एजेंसी ने 31 जनवरी 2022 को मामले में एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था।
सीबीआई के आरोप पत्र के अनुसार, विवेकानंद रेड्डी कडपा लोकसभा सीट से अविनाश रेड्डी के बजाय कथित रूप से अपने या वाई एस शर्मिला (मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन) अथवा वाई एस विजयम्मा (जगन मोहन रेड्डी की मां) के लिए टिकट मांग रहे थे। अविनाश, जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई हैं। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में कहा था, ‘‘इसलिए यह संदेह है कि सांसद अविनाश रेड्डी ने उन्हें (विवेकानंद रेड्डी) अपने गुर्गे डी शिव शंकर रेड्डी के जरिए मरवाया, जो सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता हैं।
सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में शंकर रेड्डी को गिरफ्तार किया था और जनवरी में उनके खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया था। केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि शंकर ने के गंगाधर रेड्डी को विवेकानंद की हत्या की जिम्मेदारी लेने के लिए 10 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। सीबीआई ने अपराध के सबूत को नष्ट करने और हत्या की बड़ी साजिश में अन्य आरोपियों की भूमिका को उजागर करने के लिए जांच जारी रखी थी। जांच एजेंसी ने मामले में अब तक 248 लोगों को गवाह के रूप में नामित किया है और उनके बयान संलग्न किए हैं। सीबीआई ने 26 अक्टूबर, 2021 को हत्या के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था और इसके बाद 31 जनवरी, 2022 को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था।
भाषा इनपुट के साथ