"जातीय जनगणना संघर्ष के लिए नहीं, सहयोग के लिए है, भाजपा पूरे देश में कराये", अखिलेश यादव ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 3, 2023 07:37 AM2023-10-03T07:37:02+5:302023-10-03T07:50:38+5:30

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार की महागठबंधन सरकार द्वारा जारी किये गये जाति सर्वेक्षण का स्वागत करते हुए केंद्र और यूपी में सत्ताधारी भाजपा पर भारी कटाक्ष किया है।

"Caste census is not for conflict, but for cooperation, BJP should conduct it in the entire country", said Akhilesh Yadav | "जातीय जनगणना संघर्ष के लिए नहीं, सहयोग के लिए है, भाजपा पूरे देश में कराये", अखिलेश यादव ने कहा

फाइल फोटो

Highlightsसपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बिहार की महागठबंधन सरकार द्वारा किये जाति सर्वेक्षण का स्वागत कियाउन्होंने बिहार के जाति सर्वेक्षण को लेकर केंद्र और यूपी में सत्ताधारी भाजपा पर तीखा कटाक्ष भी कियाअखिलेश ने कहा कि जाति जनगणना संघर्ष के लिए नहीं, सहयोग के लिए है, भाजपा कराये पूरे देश में

लखनऊ: साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की नीतीश सरकार द्वारा जारी किया गया बिहार का जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट केंद्र में सत्ता संभाल रही भाजपा के लिए गले की फांस बन सकता है। एक तरफ नीतीश और लालू इसे बिहार के सियासी इतिहास में मील का पत्थर बता रहे हैं, वहीं अब अन्य राज्यों के नेता भी मुखर होकर केंद्र सरकार से जाति जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में सबसे बड़े विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बिहार की महागठबंधन सरकार द्वारा जारी किये गये जाति सर्वेक्षण का स्वागत करते हुए केंद्र और यूपी में सत्ताधारी भाजपा पर भारी कटाक्ष किया है।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को राजनीति से दूर रखकर देशव्यापी जाति जनगणना कराने पर जोर दे।

अखिलेश यादव ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में कहा, ''बिहार जाति आधारित जनगणना प्रकाशित : ये है सामाजिक न्याय का गणतीय आधार। जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक़ के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी।"

उन्होंने ट्विटर पोस्ट में आगे कहा कि जाति जनगणना कराना देश की प्रगति के लिए बेहद अहम है। उन्होंने कहा कि जब लोगों को विभिन्न जाति समूहों के भीतर अपनी आबादी का ज्ञान होता है, तो इससे उनमें आत्मविश्वास पैदा होगा।

सपा प्रमुख ने कहा, “जब लोगों को पता चलता है कि वे कितने हैं, तो उनमें आत्मविश्वास जागता है और सामाजिक अन्याय के खिलाफ सामाजिक चेतना भी जागृत होती है, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वे अपनी प्रगति के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं। वे नए रास्ते बनाते हैं और समाज के पारंपरिक शक्तिशाली लोगों द्वारा किए जा रहे अन्याय को भी समाप्त करते हैं। इससे समाज समानता के पथ पर आगे बढ़ता है और देश का एकीकृत विकास होता है। जाति जनगणना देश की प्रगति का मार्ग है।”

उन्होंने कहा, "अब यह तय है कि पीडीए भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा।"

इस बीच बिहार सरकार द्वारा जारी जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सपा नेता शफीकुर रहमान बर्क ने संभल में कहा कि उनकी नजर 2024 के आम चुनाव पर है।

उन्होने कहा, "इस समय इन आंकड़ों की क्या जरूरत थी? उनकी नजर अगले साल चुनावों पर है और ये गतिविधियां कर रहे हैं। देश सेवा, विकास, शिक्षा और एक बेहतर प्रधानमंत्री चाहता है। इनमें से कुछ भी नहीं है। उनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या आप देश चला रहे हैं, आपने इसके विकास के लिए क्या किया है..."?

मालूम हो कि अखिलेश यादव साल 2024 के आम चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों की गठित 'इंडिया' गठबंधन का यूपी में बेहद अहम हिस्सा है और दशव्यापी राजनीति में वो जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सहित कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के साथ भागीदार है।

Web Title: "Caste census is not for conflict, but for cooperation, BJP should conduct it in the entire country", said Akhilesh Yadav

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