सिंघू बॉर्डर पर 'लिचिंग' का मामला: तरन तारन में किया गया अंतिम संस्कार
By भाषा | Published: October 16, 2021 09:31 PM2021-10-16T21:31:56+5:302021-10-16T21:31:56+5:30
तरन तारन (पंजाब), 16 अक्टूबर दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर किसानों के कुंडली स्थित प्रदर्शन स्थल के नजदीक धर्मग्रंथ की कथित बेअदबी में 'लिचिंग' का शिकार बने श्रमिक लखबीर सिंह का शनिवार को तरन तारन में उसके पैतृक गांव में कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया। अंत्येष्टि के दौरान केवल परिवार के करीबी सदस्य ही मौजूद रहे।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि 'अरदास' के लिए कोई सिख ग्रंथी मौजूद नहीं था और सिंह के गांव चीमा कलां से भी कोई व्यक्ति अंत्येष्टि में शामिल नहीं हुआ। इस दौरान, सिंह की पत्नी जसप्रीत कौर, सास सविंदर कौर, बहन राज कौर और तीन नाबालिग बेटियों समेत परिवार के केवल 12 सदस्य उपस्थित रहे।
परिवार से जुड़े करीबी सूत्रों के मुताबिक, चूंकि सिंह पर पवित्र ग्रंथ की कथित बेअदबी के आरोप लगे इसलिए गांव के कुछ लोगों ने परिवार के सदस्यों को केवल अंत्येष्टि करने की अनुमति दी और इसके बाद परिवार के किसी सदस्य को कोई धार्मिक रस्म नहीं करने को कहा।
भारी सुरक्षा के बीच पुलिस एंबलेंस में सिंह का शव लेकर अंत्येष्टि स्थल पहुंचे और अंतिम संस्कार के दौरान भी सुरक्षा बलों की तैनाती रही।
गौरतलब है कि शुक्रवार को सामने आए मामले में लखबीर सिंह के शरीर पर धारदार हथियार से हमले के करीब 10 जख्म थे और उसके शव को अवरोधक से बांधा गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस नृशंस हत्या के घंटों बाद एक व्यक्ति मीडिया के समक्ष आया और दावा किया कि उसने सिंह को पवित्र ग्रंथ की ‘बेअदबी’ करने की ‘सजा’ दी है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।