कलकत्ता उच्च न्यायालय ने काली पूजा पर पटाखे प्रतिबंधित किए
By भाषा | Published: November 5, 2020 08:21 PM2020-11-05T20:21:15+5:302020-11-05T20:21:15+5:30
कोलकाता, पांच नवम्बर कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर काली पूजा, जगद्धात्री पूजा और छठ पर पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर बृहस्पतिवार को प्रतिबंध लगा दिया।
न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।
काली पूजा 15 नवम्बर को है।
अदालत ने निर्देश दिया कि प्रतिबंध जगद्धात्री पूजा, छठ और कार्तिक पूजा के दौरान भी लागू रहेगा।
अदालत ने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान लागू होने वाले दिशानिर्देश जैसे पंडालों में प्रवेश पर रोक आदि, काली पूजा के दौरान भी लागू होंगे।
पीठ ने दुर्गा पूजा पर अदालत द्वारा निर्देशित दिशानिर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य सरकार की सराहना की।
अदालत ने पुलिस को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि काली पूजा के दौरान मानदंडों को सख्ती से लागू किया जाये।
अदालत ने कहा कि 300 वर्ग मीटर तक के क्षेत्र में काली पूजा पंडालों में 15 लोगों की अनुमति होगी और बड़े पंडालों में 45 व्यक्तियों की अनुमति होगी।
पीठ ने विसर्जन के दौरान जुलूस की भी अनुमति नहीं दी।
राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए काली पूजा और दीवाली के दौरान पटाखों को नहीं जलाने की लोगों से मंगलवार को अपील की थी।
मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने कहा था, ‘‘हर किसी के सहयोग से, हम बिना पटाखों के काली पूजा और दीवाली त्योहारों को मनाना चाहते हैं। प्रशासन लोगों से पटाखों का इस्तेमाल नहीं करने की अपील करता है।’’
पटाखा निर्माताओं के एक संघ ने पहले ही 53,000 से अधिक की संख्या में प्रत्येक लाइसेंस प्राप्त पटाखा डीलरों के लिए दो लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।