CAG report: समझौता करने में लग गए 15 साल, कैग ने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के अपग्रेडेशन पर रक्षा मंत्रालय को लगाई झाड़

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 24, 2020 16:35 IST2020-09-24T16:35:00+5:302020-09-24T16:35:00+5:30

संसद में रखी गई रिपोर्ट में कैग ने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों की अभियानगत सीमा से संबंधित दिक्कतों से निपटने के लिए 2002 में प्रस्तावित उन्नयन कार्यक्रम 18 साल बाद भी अंजाम पर नहीं पहुंच पाया है।

CAG report took 15 years reach agreement CAG lashes out on Ministry of Defense for upgrading Mi-17 helicopters | CAG report: समझौता करने में लग गए 15 साल, कैग ने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के अपग्रेडेशन पर रक्षा मंत्रालय को लगाई झाड़

कीमत-87.45 लाख रुपये प्रति इंजन-में मार्च 2010 में इजराइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ करार करने पर भारतीय वायुसेना की भी आलोचना की। (file photo)

Highlightsबेड़ा सीमित क्षमता के साथ उड़ रहा है जिससे वायुसेना की अभियानगत तैयारियों पर असर पड़ रहा है।एमआई-17 हेलीकॉप्टर सीमित क्षमता के साथ उड़ान भर रहे हैं जिससे देश की अभियानगत तैयारी के साथ समझौता हो रहा है।कीमत-87.45 लाख रुपये प्रति इंजन-में मार्च 2010 में इजराइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ करार करने पर भारतीय वायुसेना की भी आलोचना की। 

नई दिल्लीः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के उन्नयन कार्यक्रम में अत्यधिक विलंब पर बुधवार को रक्षा मंत्रालय की आलोचना की और कहा कि बेड़ा सीमित क्षमता के साथ उड़ रहा है जिससे वायुसेना की अभियानगत तैयारियों पर असर पड़ रहा है।

संसद में रखी गई रिपोर्ट में कैग ने कहा कि इन हेलीकॉप्टरों की अभियानगत सीमा से संबंधित दिक्कतों से निपटने के लिए 2002 में प्रस्तावित उन्नयन कार्यक्रम 18 साल बाद भी अंजाम पर नहीं पहुंच पाया है। इसमें कहा गया कि परिणामस्वरूप एमआई-17 हेलीकॉप्टर सीमित क्षमता के साथ उड़ान भर रहे हैं जिससे देश की अभियानगत तैयारी के साथ समझौता हो रहा है।

कैग ने कहा, ‘‘खराब योजना और विभिन्न चरणों में अनिर्णय की स्थिति से रक्षा मंत्रालय को 90 एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के उन्नयन के लिए एक इजराइली कंपनी के साथ समझौता करने में 15 साल (जनवरी 2017) लग गए।’’ कैग ने पांच यूएवी रोटैक्स इंजनों की आपूर्ति के लिए बढ़ी हुई कीमत-87.45 लाख रुपये प्रति इंजन-में मार्च 2010 में इजराइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ करार करने पर भारतीय वायुसेना की भी आलोचना की। 

रेलवे ने 2022 तक पूर्ण विद्युतीकरण लक्ष्य के बावजूद इलेक्ट्रिक इंजनों की जरूरत का आकलन नहीं किया:कैग

नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने बुधवार को कहा कि 2022 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल करने के लक्ष्य के बावजूद रेलवे इलेक्ट्रिक इंजनों की जरूरतों का आकलन करने में विफल रहा जिसके फलस्वरूप 2012-18 के दौरान डीजल के इंजन 20 फीसद बढ़ गये और इसने रखरखाव की गुणवत्ता को काफी प्रभावित किया।

‘भारतीय रेलवे में इंजनों एवं उसके उत्पादन के मूल्यांकन एवं उपयोगिता तथा एलएचबी डिब्बों के रखरखाव’ कैग की ऑडिट रिपोर्ट बुधवार को संसद के दोनों सदनों में रखी गयी। कैग ने कहा कि इंजनों की जरूरत का आकलन करते समय इलेक्ट्रिक इंजनों की जरूरत और साथ ही डीजल इंजनों के उपयेाग में कमी पर पर्याप्त ढंग से विचार नहीं किया गया। कैग ने कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा इंजनों की जरूरत के लिए अपनाया गया मापदंड पिछले साल के वास्तविक उत्पादन पर आधारित था। 

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