19 दिसंबर को दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पहली बार शहर के कई हिस्सों में इंटरनेट, वॉयस कॉलंग और एसएमएस सेवाओं को बंद किया गया था। स्पेशल सेल डीसीपी पीसी कुशवाह वोडाफोन-आइडिया, जियो, एयरटेल, बीएसएनएल के नोडल अधिकारियों को भेजे गए एक पत्र के बाद यह कदम उठाया गया।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पत्र में कहा गया है कि वे मौजूदा हालात में कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखवाने के नजरिए से इस आदेश को लागू करें। पत्र के मुताबिक, "इंगित तमाम मोबाइल और इंटरनेट एजेंसियां 19 दिसंबर, 2019 यानी गुरुवार को सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक सभी सेवाएं बंद रखेंगी। बंद की जाने वाली इन सेवाओं में कॉलिंग, एसएमएस, वायस मैसेज और इंटरनेट सेवाएं समाहित होंगी।"
सेवा बंद होते ही दिल्ली के स्थानीय निवासी ट्विटर पर मोबाइल कंपनियों से जवाब मांगने लगे। वोडाफोन ने जवाब दिया, “सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार, कुछ स्थानों पर सेवाएं बंद हैं। दोपहर 1 बजे तक सेवाओं का उपयोग नहीं कर पाएंगे। ” नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राजधानी में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच बृहस्पतिवार को सुबह नौ बजे से दोपहर तक दिल्ली के कुछ इलाकों... मंडी हाउस, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, जामिया नगर, शाहीन बाग और बवाना में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।
राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में बृहस्पतिवार को इंटरनेट सेवाएं बाधित होने के बारे में भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा कि कंपनी द्वारा सरकार के निर्देश का अनुपालन करते हुये ऐसा हुआ। मित्तल ने कहा, ‘‘इस बारे में सरकार की ओर से आदेश दिया गया था और हम सिर्फ उसका अनुपालन कर रहे थे।’’ इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने निर्देश दिया था।
रिलायंस जियो के सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “सभी टेलीकॉम कंपनियों को एक मानक निर्देश दिया गया था, इसलिए सभी को पालन करना था और हमने भी किया। यह एक सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है। ” सरकारी आदेशों का पालन करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाता अपने लाइसेंस समझौतों से बंधे होते हैं। एक दूरसंचार फर्म के सूत्रों ने पुष्टि की कि यह पहली बार था जब राष्ट्रीय राजधानी में मोबाइल इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया था।
इंटरनेट बंद से संबंधित कानून अस्थायी निलंबन नियम-2017 हैं, जिसमें केंद्र या राज्य के गृह सचिव बंद करने का आदेश देते हैं। जिला मजिस्ट्रेटों ने दूरसंचार और प्रतिबंधों को शामिल करने के लिए आईपीसी की धारा 144 के तहत अपनी शक्तियों की व्याख्या की है। हालांकि, दिल्ली के मामले में, दूरसंचार कंपनियों को आदेश पुलिस उपायुक्त द्वारा जारी किया गया था।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में नए नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर गाजियाबाद में गुरुवार रात 10 बजे से 24 घंटे के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गयी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सांप्रदायिक शांति और सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले संदेशों से बचने के लिए यह कार्रवाई की गई है।
अधिकारी ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे ने मोबाइल फोन सेवा प्रदाताओं को शुक्रवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं स्थगित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट ने जिले में हिंसा और आगजनी की किसी भी आशंका को टालने के लिए यह कार्रवाई की है।