संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में बिजनौर में 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान का आकलन करने के बाद जिला प्रशासन ने 43 लोगों को वसूली नोटिस भेजा है।
इस सिलसिले में 146 गिरफ्तारियां की गई हैं। हिंसक प्रदर्शनों के बाद जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय और एसपी संजीव त्यागी ने पहली बार पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि 20 दिसंबर को नमाज के बाद हुई हिंसा में संपत्ति के नुकसान के दावों की सुनवाई के लिए एडीएम वित्त व राजस्व के नेतृत्व में टीम गठित की गयी है।
उन्होंने बताया कि नहटौर में हुई दो मौतों की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए गये हैं। एसपी ने बताया कि धारा 144 लागू होने के बावजूद आठ कस्बों में जुलूस निकालकर कानून-व्यवस्था ठप्प की गयी और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा गया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने तत्काल हालात काबू किए। 146 पुलिसकर्मी घायल हैं। एक सिपाही मोहित गोली लगने से गंभीर रूप से घायल है। आत्मरक्षा में चली गोली लगने से सुलेमान घायल हुआ बाद में उसकी मौत हो गयी।
अधिकारी ने कहा कि एक अन्य व्यक्ति अनस की भी मौत हुई है। 21 लोग घायल हुए जिनका उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। अब तक जिले में 146 गिरफ्तारी हुई है। लोगों को उकसाने के मामले में बिजनौर के पूर्व पालिका अध्यक्ष जावेद आफताब, मौलवी फुरकान और छुइयां पर 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है। तीनों फरार चल रहे हैं।
हिंसक प्रदर्शन में शामिल 33 लोगों को पुलिस का नोटिस
गोरखपुर में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल 33 लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है। उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है जबकि 1,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है। पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के फोटो जारी किये हैं और ऐलान किया है कि उनके बारे सूचित करने वालों को इनाम दिया जाएगा।
पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि अब तक 26 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। पुलिस की ओर से जारी फोटो के आधार पर अन्य कई लोगों को पकड़ा गया है। घर से भागे या फरार लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है। कोतवाली क्षेत्राधिकारी वी. पी. सिंह ने बताया कि आरोपियों को नोटिस भेजकर संबंधित थाने पहुंचने को कहा गया है और यह भी कहा गया है कि वे गुरुवार तक अपना पक्ष रखें।
अगर वे नहीं आते हैं तो उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी। जिला प्रशासन की एक टीम ने इस बीच हिंसा प्रभावित रेती, नक्खास और घंटाघर इलाकों का दौरा किया और हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान का जायजा लिया। उधर आने वाले शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस प्रशासन एलर्ट है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रिहर्सल भी किया जा रहा है।