CAA Protest: सीएम कमलनाथ ने किया विरोध में पैदल मार्च, NPR और NRC पर उठाए सवाल
By भाषा | Updated: December 25, 2019 17:39 IST2019-12-25T17:39:00+5:302019-12-25T17:39:00+5:30
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के साथ क्रियान्यवन पर भी सवाल उठाया। कमलनाथ ने कहा कि एनपीआर को हम भी लाना चाहते हैं लेकिन इसके साथ नागरिकता पंजी (एनआरसी) को जोड़कर नहीं।

भारत की पहचान उसके संविधान से है, जो विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ता है और देश की एकता सुनिश्चित करता है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को फिर दोहराया कि राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू नहीं किया जायेगा।
साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (एनपीआर) को राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के साथ क्रियान्यवन पर भी सवाल उठाया। कमलनाथ ने कहा कि एनपीआर को हम भी लाना चाहते हैं लेकिन इसके साथ नागरिकता पंजी (एनआरसी) को जोड़कर नहीं।
सीएए के विरोध में प्रदेश कांग्रेस के पैदल मार्च के समापन के बाद एनपीआर की घोषणा के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘वो जो एनपीआर लाये, ये तो हम भी चाहते थे, पर उसके साथ कोई एनआरसी नहीं जोड़ा था जो ये जोड़कर ला रहे हैं। ये इनकी नीयत साबित करती है।’’
Madhya Pradesh CM Kamal Nath: Today, question is not about what Prime Minister and Home Minister are saying. They are saying different things. Question is not about what is included in the act, it's about what is not included. This is not about its use but of its misuse. #CAApic.twitter.com/Iil8EojCJk
— ANI (@ANI) December 25, 2019
केन्द्र की मंशा पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री संसद में पहले ही बता चुके हैं कि पूरे देश में एनआरसी को लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में अपने 40 वर्षो के दौरान मैंने कभी सीएए और एनआरसी जैसे संविधान विरोधी कानून नहीं देखा।
सवाल यह नहीं है कि क्या लिखा गया है (इन कानून में) बल्कि क्या नहीं लिखा गया है। सवाल इसके उपयोग का नहीं दुरुपयोग का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कृषि क्षेत्र की समस्याएं, निवेश लाने की चुनौतियां, बेरोजगारी तथा आर्थिक मंदी सहित अनेक मुद्दे हैं लेकिन केन्द्र इन गंभीर समस्याओं से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है। कमलनाथ ने यह भी दोहराया कि उनकी सरकार प्रदेश में सीएए लागू नहीं करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जो जनविरोधी, संविधान विरोधी, समाज विरोधी, धर्म विरोधी कानून हैं, वे मध्य प्रदेश में कभी लागू नहीं होंगे, जब तक कांग्रेस की सरकार है।’’ पैदल मार्च शुरु होने के पहले रंगमहल चौराहे पर उपस्थित जनसमूह के सामने कमलनाथ ने देश के बुनियादी ढांचे के विरोधी सीएए कानून के खिलाफ अंत तक लड़ने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान उसके संविधान से है, जो विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ता है और देश की एकता सुनिश्चित करता है।
कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की संविधान बचाओ यात्रा रंगमहल टॉकीज चौराहे से शुरु होकर मिंटो हॉल :पुरानी विधानसभा परिसर: में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास समाप्त हुई। मार्च में प्रदेश सरकार के मंत्री, कांग्रेस के पदाधिकारी और अन्य राजनीतिक दलों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बसपा, राकांपा आदि के नेताओं सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। पैदल मार्च में लोग राष्ट्रीय ध्वज लिये थे और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे।