फांसी का फंदा लगाकर महिलाओं ने कहा, "मौत के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है", काजू के बगीचों को बचाने के लिए कर रही हैं गजब का संघर्ष

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 8, 2022 03:22 PM2022-04-08T15:22:24+5:302022-04-08T15:27:58+5:30

आंध्र प्रदेश के उरावकोंडा में कुछ महिलाओं ने गले में फांसी का फंदा लगाकर कहा कि अगर यहां के काजू बागानों को उजाड़ कर दिया जाता है और उन्हें खत्म कर दिया जाता हैं, तो हमारे पास मौत को गले लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इन्हीं पेड़ों से हमारी आजीविका चलती है और और ये नहीं रहेंगे तो हमें भूखे मरना होगा।

By hanging the noose, the women said, "there is no way left except death", doing a wonderful struggle to save the cashew orchards | फांसी का फंदा लगाकर महिलाओं ने कहा, "मौत के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है", काजू के बगीचों को बचाने के लिए कर रही हैं गजब का संघर्ष

फांसी का फंदा लगाकर महिलाओं ने कहा, "मौत के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है", काजू के बगीचों को बचाने के लिए कर रही हैं गजब का संघर्ष

Highlightsमहिलाओं ने गले में फासी का फंदा लगाकर कहा कि सरकार को उनकी बात सुननी ही होगी महिलाओं का आरोप है कि जिस जगह पर वो काजू उगाती हैं, उसे ग्रेनाइट खदानों को दिया जा रहा हैप्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने कहा कि सरकारी अधिकारी ग्रेनाइट खदानों के मालिकों से मिले हुए हैं

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के उरावकोंडा में कुछ आदिवासी महिलाएं काजू के बगीचों को बचाने के लिए उन्हीं काजू के पेड़ों से साड़ियों का फंदा बनाकर प्रतीकात्मक तौर पर फांसी लगाने का प्रयास कर रही हैं। विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाएं कहती हैं कि अगर आप हम दलीलें नहीं सुनते हैं तो हमारे पास मौत को चुनने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है।''

महिलाओं ने कहा, "अगर यहां के काजू बागानों को उजाड़ कर दिया जाता है और उन्हें खत्म कर दिया जाता हैं, तो हमारे पास मौत को गले लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है क्योंकि इन्हीं पेड़ों से हमारी आजीविका चलती है और और ये नहीं रहेंगे तो हमें भूखे मरना होगा।"

सरकार के खिलाफ आरोप लगाती हुए महिलाएं आरोप लगा रही हैं कि जिस जमीन पर वे काजू पैदा कर रही हैं, उसे साजिश के तहत जबरन छीना जा रहा है और उन्हें ग्रेनाइट खनन कंपनी को आवंटित किया जा रहा है।

महिलाओं ने कहा कि हमने कभी भी किसी ग्रेनाइट कंपनी से कोई भी पैसा नहीं लिया है। कुछ लोग पैसे के बदले हमारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। हमारे पास इन जमीनों का मालिकाना हक नहीं है लेकिन सरकार ने ही हमें इन जमीनों पर काजू की पैदावार की इजाजत दी है।

उनका आरोप है कि अब ग्रेनाइट खदानों वाले लोग जेसीबी से पूरी फसल को तबाह कर रहे हैं और जमीानों को अपने काम कते लिए समतल कर रहे हैं।

महिलाओं ने एक सरकारी अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा, "मुदुगुला मंडल राजस्व अधिकारी ग्रेनाइट खदान मालिकों का पक्ष ले रहे हैं और हमारे खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रहे हैं। उनका कहना है कि हम हमारे बगीचे के बीच से होकर गुजरने वाली ग्रेनाइट खदानों के लिए बनने वाली सड़क का विरोध कर रहे हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि संयुक्त कलेक्टर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करें और खुद देखें कि हमारी क्या स्थिति है।"

अपनी जमीनों को खोने के भय से प्रदर्शन कर रही आदिवासी महिलाओं का सरकारी अधिकारियों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। इसलिए ये  आदिवासी महिलाएं अब अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए सोमवार को विशाखापत्तनम में संयुक्त कलेक्टर कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करने जाने वाले हैं।

विरोध करने वाली महिलाओं का स्पष्ट कहना है कि सरकार गरीबों की सुनवाई नहीं कर रही है बल्कि पैसेवालों अमीर ग्रेनाइट खदान मालिकों के इशारे पर कुछ अधिकारी उन्हें उनके जमीनों और काजू के बगीचों से बेदखल करने की साजिश रच रहे हैं। लेकिन महिलाओं का कहना है कि वो ऐसा नहीं होने देंगी और इसके लिए वो व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगी।  

Web Title: By hanging the noose, the women said, "there is no way left except death", doing a wonderful struggle to save the cashew orchards

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