जम्मू कश्मीरः बुरहान वानी ने लील डाली घाटी की खुशियां, पर्यटन से जुड़े लोगों की कमर टूटी

By सुरेश डुग्गर | Published: July 8, 2019 04:41 PM2019-07-08T16:41:14+5:302019-07-08T16:41:14+5:30

पिछले तीन सालों से यह असर नजर आ रहा है जिसमें इस बार अमरनाथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के नाम पर की गई रोडबंदी और रेलबंदी ने भी अपना तड़का लगाया है।

Burhan Wani smashed Kashmir, smashed the backs of people associated with tourism | जम्मू कश्मीरः बुरहान वानी ने लील डाली घाटी की खुशियां, पर्यटन से जुड़े लोगों की कमर टूटी

जम्मू कश्मीरः बुरहान वानी ने लील डाली घाटी की खुशियां, पर्यटन से जुड़े लोगों की कमर टूटी

Highlightsघाटी में हिंसा की वजह से पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है।आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में सिर्फ़ 10 लाख 20 हज़ार लोग आए थे।

जम्मू, 8 जुलाईः कश्मीरियों के लिए यह एक कड़वे सच के माफिक है कि हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी उनकी खुशियों को लील चुका है। सबसे अधिक और बुरा असर पर्यटन उद्योग से जुडे़ लोगों की रोजी रोटी पर पड़ा है जो दाने दाने को मोहताज होने लगे हैं। फिलहाल यह असर अभी लंबा चलेगा इसे तो अब सरकारी तौर पर भी माना गया है। पिछले तीन सालों से यह असर नजर आ रहा है जिसमें इस बार अमरनाथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के नाम पर की गई रोडबंदी और रेलबंदी ने भी अपना तड़का लगाया है।

सरकार ने माना है कि लंबे अरसे से अमन तलाश रहा कश्मीर के बिगड़े माहौल का असर उसकी माली सेहत पर भी पड़ रहा है। घाटी में हिंसा की वजह से पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है। जम्मू-कश्मीर सरकार के ताज़ा आर्थिक सर्वे का अनुमान कुछ ऐसा ही है।

सरकारी रिपोर्ट कहती है कि आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में सिर्फ़ 10 लाख 20 हज़ार लोग आए थे। इनमें से भी 5 लाख 20 हजार लोग अमरनाथ यात्रा पर आए श्रद्धालु थे। घाटी के बिगड़े हालात के कारण 2016 से लेकर अभी तक जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था को 50 हज़ार करोड़ का नुक़सान हुआ है।

पिछले तीन साल के आंकड़ों को ही देखें तो हिंसा के कारण जम्मू कश्मीर का पर्यटन उद्योग कितना चौपट हो गया और इसके पीछे हिंसा और पत्थरबाज़ी की घटनाएं जिम्मेदार हैं। साल 2015 में क़रीब 13 लाख लोग कश्मीर की वादियों का लुत्फ़ उठाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में कश्मीर में पर्यटकों की संख्या 55 परसेंट कम हो गई।

यानी 2016 में हालात ख़राब हुए तो पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा घट गई। इस तरह से 2016 की दूसरी तिमाही में कुल 752 लाख रुपये की आमदनी का नुकसान हुआ जबकि इसी दौरान 2015 में 936.89 लाख रुपये की आमदनी हुई थी। यानी घाटी के बिगड़े के हालात की वजह से राज्य की पर्यटन से होने वाली कमाई 80 परसेंट तक कम हो गई। हालात ज्यादा तब बिगड़ी जब 8 जुलाई 2016 को हिजबुल आतंकी बुरहान वानी को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।

जम्मू कश्मीर सरकार की इकॉनामिक्स सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि घाटी के हालात बिगड़ने की वजह से साल 2016 में अकेले कश्मीर घाटी के उद्योगों को 13 हज़ार करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ था। यही नहीं ख़ुद का रोज़गार करने वाले लोगों को 276 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ। जबकि नौकरी करने वाले लोगों को 168 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ तथा दूसरे धंधे में लगे लोगों को 190 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ।

ऐसा भी नहीं है बुरहान वानी की मौत से होने वाले नुक्सान का सिलसिला थम गया हो बल्कि यह अभी भी जारी है। इस महीने की 8 तारीख को तीन साल हो गए हैं और यह चिंता अभी भी बनी हुई हे कि इसका असर लंबा चलेगा क्योंकि अब अमरनाथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा के नाम पर रोडबंदी तथा रेलबंदी भी पर्यटन को लील गई है।

Web Title: Burhan Wani smashed Kashmir, smashed the backs of people associated with tourism

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