मुंबई, 17 सितंबर:मुंबई के थाणे में बुलेट ट्रेन परियोजना की नींव रखें एक साल से अधिक हो गया है। पर अब इस परियोजना को लेकर बड़ी खबर आ रही है। बुलेट ट्रेन का काम साल 2019 में शुरू होने की उम्मीद है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) मुंबई और अहमदाबाद के बीच के 508 किलोमीटर के रूट पर चलेगी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरिडोर लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल), 508 किलोमीटर की बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम कर रही एजेंसी सुरंग खोदने के लिए लिए मशीनें की खरीददारी करेगा। यह काम सा 2019 में ठाणे से शुरू होगा।
एनएचएसआरसीएल के प्रवक्ता धनजंय कुमार हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि बुटेल ट्रेन के लिए सुरंग का काम बेहद ही महत्वपूर्ण होगा। इसलिए हम पहले से काम शुरू करेंगे। इसके लिए नवबंर में टेंडर दिए जाएंगे और जनवरी 2019 से काम शुरू होगा। मालूम हो कि महानगर में तीन बुलेट ट्रेन परियोजाओं पर काम चालू है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच के 508 किलोमीटर के रूट पर चलेगी बुलेट ट्रेन। इस रूट पर बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, ठाणे, विरार, बोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरुच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती 12 स्टेशन बनाए जाने हैं।
26 गांवों के लोग होंगे विस्थापित
ठाणे जिले के लगभग 26 गांवों को परियोजना के लिए भी विस्थापित किया जाना होगा। ठाणे में भूमि के संयुक्त मापन सर्वेक्षण (जेएमएस) को पूरा कर लिया गया है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की संभावना है।
आपको बता दें, मोदी सरकार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट 2022 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। इसका विरोध महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक हो रहा है। किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। पिछले दिनों पालघर जिले में इस प्रोजेक्ट के लिए स्थानीय समुदाय और जनजातीय लोग विरोध उतरे थे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधान मंत्री शिन्जो आबे ने 14 सितंबर, 2017 में इस परिजोयना की नींव रखी थी।
ऐसे होंगे बुलेट ट्रेन के स्टेशन
बुलेट ट्रेन स्टेशन दो मंजिला होंगे। पहली मंजिल में यात्रियों के लिए बनाया जाएगा और दूसरी मंजिल में दो प्लेटफार्म होंगे। भारत के पहले बुलेट ट्रेन की औसत स्पीड 320 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी और यह अधिकतम 350 किलोमीटर प्रतिघंटा के स्पीड से दौड़गी। इस रूट पर 468 किलोमीटर लंबा ट्रैक एलिवेडेट होगा, 27 किलोमीटर सुरंग के अंदर और बाक़ी 13 किलोमीटर ज़मीन पर।