लखनऊ, 10 अगस्तःउत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सात अगस्त को कांवड़ियों ने गुस्से में आकर पुलिस वैन को तोड़ दिया था। दरअसल, उनका गुस्सा स्थानीय लोगों से किसी विवाद को लेकर बढ़ गया था, जिसके बाद उन्होंने तोड़फोड़ की। इस मामले में अज्ञात कांवड़ियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने वीडियो के आधार पर पहचान कर मुख्य आरोपी सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
वहीं, इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मोतीनगर में कांवड़ियों का तांडव सामने आया था, जिसमें वे एक कार पर हमला करते हुए दिखाई दिए थे, जिसका वीडिया वायरल हो गया था।
इस मामले में कार चला रही युवती की दोस्त ने दिल्ली पुलिस के बायन को भी गलत बताया था। उसने कहा था कि पुलिस का यह बयान गलत है कि कार ने पहले कांवड़िये को टक्कर मारी, फिर कांवड़िये को थप्पड़ भी मारा गया। पुलिस ने अज्ञात कांवड़ियों के खिलाफ इस मामले में भी एफआईआर दर्ज कर ली थी।
इधर, दिल्ली में हुई घटना पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने अनुचित व्यवहार के लिए कांवड़ियों की निंदा की थी और सवाल किया था कि क्या धर्म के नाम पर गुंडागर्दी को अनुमति दी जानी चाहिए। कुमार ने ट्वीट कर कहा था कि गुंडागर्दी का सार्वजनिक प्रदर्शन अस्वीकार्य होना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्गों पर कांवड़ियों का व्यवहार सार्वजनिक संकट है। प्रदेश के अधिकारी इस आवागमन पर नियंत्रण क्यों नहीं करते, वे तेज आवाज के संगीत और घंटों तक सड़कों पर कब्जे को क्यों नहीं रोकते। क्या धर्म के नाम पर गुंडागर्दी को अनुमति होनी चाहिए?’’