Budget 2022: सैलरी पाने वालों को फिर मिली मायूसी, इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने से आम आदमी को राहत नहीं, केवल टैक्स ट्रांजैक्शन व्यवस्था सुधरी
By आजाद खान | Updated: February 1, 2022 16:03 IST2022-02-01T12:54:08+5:302022-02-01T16:03:57+5:30
Budget 2022: इस बार टैक्स ढांचे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 2.5 लाख रुपए की तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी।

Budget 2022: सैलरी पाने वालों को फिर मिली मायूसी, इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने से आम आदमी को राहत नहीं, केवल टैक्स ट्रांजैक्शन व्यवस्था सुधरी
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए व्यक्तिगत आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके अलावा कोविड महामारी के बीच मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) की सीमा में बढ़ोतरी की मध्यम वर्ग की उम्मीदें भी बजट में पूरी नहीं हुई हैं। सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट पेश करते हुए आयकर दरों में कोई बदलाव नहीं किया और मानक कटौती को भी यथावत रखा। हालांकि, कहा जा रहा था कि मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर तथा मध्यम वर्ग को महामारी के प्रभाव से कुछ राहत के लिए मानक कटौती की सीमा बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल मानक कटौती की सीमा 50,000 रुपए है।
इस साल इनकम टैक्स पर आम आदमी को कोई राहत नहीं मिली है। इसका मतलब यह हुआ कि जितना पहले आपका टैक्स कटता था, आगे भी इसी तरह से टैक्स कटेंगे। हालांकि टैक्स ट्रांजैक्शन व्यवस्था में सुधार किया गया है। अगर आपकी सलाना इनकम 2.5 लाख रुपए है तो यह टैक्स फ्री रहेगी। इससे अधिक होने पर आपको पहले की तरह ही टैक्स देना पड़ेगा।
पहले की तरह ही देना होगा टैक्स
इस बार के बजट में इनकम टैक्स पर कोई बदलाव नहीं किया गया है। केवल सलाना 2.5 लाख रुपए तक ही टैक्स फ्री रहेगा और आपकी इनकम इसके ऊपर जाने के बाद 5% टैक्स देना होगा। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपकी इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख - 2.5 लाख = 2.5 लाख रुपए पर 5% टैक्स देना होगा। ये अलग बात है कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A का फायदा उठाकर आप अपने टैक्स को बचा सकते हैं।
क्या कहना है आयकर विशेषज्ञ का
आयकर विशेषज्ञ सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘महामारी के बीच आम आदमी उम्मीद कर रहा था कि वित्त मंत्री मानक कटौती की सीमा एक लाख रुपये तक करेंगी, जिससे महामारी के बीच उनके हाथ में नकदी बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा कि अभी इस तरह का कोई कदम मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत प्रदान करने वाला रहता। जैन ने कहा कि इसके अलावा गृह संपत्ति से ब्याज की कटौती दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किए जाने की उम्मीद भी थी। लेकिन इस मोर्चे पर भी कोई राहत नहीं दी गई है।
व्यक्तिगत आयकर श्रेणी के स्लैब में नहीं हुआ कोई बदलाव
नया घर खरीदने पर आवास ऋण के दो लाख रुपये तक के ब्याज को करदाता की अन्य आय से घटाया जाता है, जिससे उसका कर दायित्व कम होता है। इसे गृह संपत्ति पर ब्याज कटौती कहा जाता है। बजट में व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। साथ ही कॉरपोरेट कर की दरों को भी यथावत रखा गया है। हालांकि, नवगठित विनिर्माण इकाइयों के लिए 15 प्रतिशत की रियायती कर दर को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।