Budget 2020: रक्षा बजट में बढ़ोतरी, खर्च होंगे 3.37 लाख करोड़, नए हथियार, वायुयान, युद्धपोत और सैन्य उपकरण खरीदेंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 1, 2020 19:16 IST2020-02-01T19:16:16+5:302020-02-01T19:16:16+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए आम बजट के मुताबिक कुल रक्षा आवंटन में 1.13 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए दिए गए हैं।

कुल आवटंन में पेंशन भुगतान के लिए अलग रखे गए 1.33 लाख करोड़ रुपये शामिल नहीं हैं।
रक्षा बजट में मामूली बढ़ोतरी करते हुए 2020-21 के लिए इसमें 3.37 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि इससे पिछले साल यह 3.18 लाख करोड़ रुपये था।
इसके साथ ही उन उम्मीदों को झटका लगा है, जिनमें सेना के तेजी से आधुनिकीकरण के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को लोकसभा में पेश किए गए आम बजट के मुताबिक कुल रक्षा आवंटन में 1.13 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए दिए गए हैं।
इसका इस्तेमाल नए हथियार, वायुयान, युद्धपोत और अन्य सैन्य उपकरण खरीदने के लिए किया जाएगा। राजस्व व्यय के मद में 2.09 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें वेतन पर व्यय और रक्षा प्रतिष्ठानों का रखरखाव शामिल है। कुल आवटंन में पेंशन भुगतान के लिए अलग रखे गए 1.33 लाख करोड़ रुपये शामिल नहीं हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक रक्षा आवंटन जीडीपी का 1.5 प्रतिशत बना हुआ है, और यह 1962 के बाद से सबसे कम है।
बजट में नौकरशाहों के प्रशिक्षण के लिए कार्मिक विभाग को 238 करोड़ रुपये आवंटित
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पेश किए गए बजट में कार्मिक विभाग को नौकरशाहों के देश व विदेश में प्रशिक्षण तथा आवश्यक बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी के लिए 238 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं।
बजट में कार्मिक विभाग को वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए 238.45 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है । इनमें से 83.45 करोड़ रुपये का प्रावधान दिल्ली स्थित सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान (आइएसटीएम), मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) के स्थापना संबंधी व्यय तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रशिक्षण प्रभाग के लिए किया गया है । आइएसटीएम तथा एलबीएसएनएए, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों एवं अन्य स्तर के सचिवालय कर्मियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करता है।
इसके लिए मंत्रालय को कुल 88.99 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अलग से व्यवस्था के तहत 'प्रशिक्षण योजनाओं' के लिए अगले वित्त वर्ष के लिए 155 करोड़ आवंटित किए गए हैं । मौजूदा वित्त वर्ष में इसके लिए कुल 136.93 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।
लोकसेवकों की समस्याओं के निराकरण के लिए बनाये गए केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) को स्थापना संबंधी व्यय के मद्देनजर वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 124.92 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में 131.57 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। इसी तरह कर्मचारी चयन आयोग को अगले वित्त वर्ष में स्थापना संबंधी व्यय के लिए 241.66 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गयी है, इसमें भर्ती परीक्षा आयोजित कराने का खर्च भी शामिल है।
लोकपाल को 74 करोड़ का बजट, सीवीसी के लिए प्रावधान में मामूली वृद्धि
2020..2021 के आम बजट में लोकपाल के लिए 74 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जबकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के लिए बजट प्रावधान में मामूली वृद्धि की गई है। लोकपाल को वर्तमान वित्तवर्ष के लिए 101.29 करोड़ रुपये दिये गए थे जिसे संशोधित करके 18.01 करोड़ रुपये कर दिया गया।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को पेश किये केंद्रीय बजट के अनुसार अगले वित्तीय वर्ष के लिए लोकपाल को कुल 74.7 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। यह प्रावधान लोकपाल के कामकाज के लिए निर्माण-संबंधी व्यय के लिए है जो यहां एक पांच सितारा होटल से कार्यरत है।
लोकपाल अध्यक्ष और आठ सदस्यों की नियुक्ति के बाद पिछले वर्ष मार्च से कार्यरत है। उसके एक सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी बी भोसले ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था। सीवीसी को 2020..2021 के लिए 39 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो वर्तमान वित्तीय वर्ष के संशोधित 36.65 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रावधान आयोग के सचिवालय व्यय के लिए है।