बसपा देश में नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव, अब ईवीएम के जरिए हो रहा फर्जी मतदान, मायावती ने किया ऐलान
By राजेंद्र कुमार | Updated: November 24, 2024 17:27 IST2024-11-24T17:26:37+5:302024-11-24T17:27:09+5:30
सूबे में हुए उपचुनाव में भी बसपा को करारी हार मिली तो अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह ऐलान कर दिया है कि बसपा अब कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी।

बसपा देश में नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव, अब ईवीएम के जरिए हो रहा फर्जी मतदान, मायावती ने किया ऐलान
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में दलित-वंचित और शोषित समाज के जरिए कभी सत्ता की बुलंदी तक पहुंचाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का सियासी आधार चुनाव दर चुनाव सिमटता जा रहा है। सूबे में हुए उपचुनाव में भी बसपा को करारी हार मिली तो अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह ऐलान कर दिया है कि बसपा अब कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी। उनका कहना है कि अब ईवीएम के जरिए भी फर्जी वोट डाले जा रहे हैं। ऐसे में जब तक चुनाव आयोग उपचुनावों में फर्जी मतदान रोकने के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं करता, तब तब बसपा देश में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव बसपा अपने दम पर लड़ती रहेगी।
ईवीएम के जरिए फर्जी मतदान हुआ
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव तथा यूपी के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद मायावती के इस फैसले को हार के कारणों से मुंह चुराने का फैसला बताया जा रहा है, ताकि लोग बसपा की हार के कारणों पर चर्चा ना करे। शायद इसलिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ईवीएम के जरिए फर्जी मतदान होने का मुद्दा उठाया।
मायावती का कहना है कि पहले देश में बैलट पेपर के जरिए चुनाव कराए जाते थे। इसमें चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर फर्जी वोट डाले जाते थे। अब तो ईवीएम के जरिए भी ये कार्य किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बड़े दुख और चिंता की बात है। इतना ही नहीं बल्कि देश में लोकसभा और राज्यों में विधानसभा चुनाव और खासकर उपचुनाव में तो ये कार्य खुलकर किया जा रहा है। ये सब हमें यूपी में हुए उपचुनाव में भी देखने को मिला है।
उनका कहना है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी इसको लेकर आवाजें उठी हैं। चुनावों में फर्जी मतदान होना लोकतंत्र के लिए बहुत बड़े खतरे की घंटी है, इसलिए अब यह फैसला किया गया है कि जब तक देश में फर्जी वोटों को रोकने के लिए चुनाव आयोग कोई सख्त कदम नहीं उठाता है तब बसपा देश में कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी।
यूपी उपचुनाव में अप्रत्याशित नतीजे आए
यूपी के उपचुनावों के नतीजों पर भी मायावती ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि यूपी में उपचुनाव में अप्रत्याशित नतीजे आए हैं। बसपा ने जिन नौ सीटों पर उपचुनाव हुआ है, उन सभी पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन उसके सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए। दो सीटों पर 1500 से भी कम वोट बसपा के उम्मीदवार को मिले।
नौ सीटों पर चुनाव लड़ी बसपा को मात्र एक लाख 32 हजार 929 वोट ही मिले। किसी भी सीट पर बसपा के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर नहीं रहे। मायावती का कहना है कि चुनाव के दौरान सत्ता पक्ष दौरा धन-बल का जो प्रयोग किया गया उसके चलते ही लोग वोट डालने के लिए नहीं निकले और उपचुनाव के अप्रत्याशित नतीजे आए।
मायावती की अपील
मायावती का कहना है कि आम चुनाव में सरकारी मशीनरी का जनता पर डर या दबाव नहीं होता है। बसपा देश में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव अपने दम पर दमदारी से लड़ेगी। वर्ष 2007 में बसपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने से बाकी पार्टियां डरने लगी थी। उसके बाद बसपा को रोकने के लिए जातिवादी पार्टी कांग्रेस, भाजपा ने कई पार्टियां बना दी। अब ये विरोधी पार्टियां अपना वोट ट्रांसफर करवा के एमएलए बेच रही है, इसलिए दलित पिछड़े आदिवासी इन सब को अपना वोट देकर खराब न करे बल्कि एक मात्र हितैषी पार्टी बसपा को दे।
वर्तमान में समय की यही मांग है कि इन लोगों की साजिश से सावधान रहें और चुनावों में बसपा के उम्मीदवारों को वोट करें। यूपी के संभल में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के लिए यूपी सरकार और जिला प्रशासन को मायावती ने जिम्मेदार बताया है और लोगों से अपील की है कि वह शांति बनाए रखे।