अमित शाह की CAA पर बहस के लिए दी गई खुली चुनौती को मायावती ने स्वीकारा, कहा- BSP इसके लिए कहीं भी तैयार

By रामदीप मिश्रा | Published: January 22, 2020 06:25 PM2020-01-22T18:25:49+5:302020-01-22T18:25:49+5:30

अमित शाह ने कहा था कि इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लें। ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाएं।

BSP chief Mayawati first to accept Amit Shah’s challenge for public debate on CAA | अमित शाह की CAA पर बहस के लिए दी गई खुली चुनौती को मायावती ने स्वीकारा, कहा- BSP इसके लिए कहीं भी तैयार

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Highlightsनागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षियों को चुनौती दी थी। उनकी चुनौती को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने स्वीकार किया है।

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विपक्षियों को चुनौती दी थी कि वह सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लें। उनकी चुनौती को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने स्वीकार किया है और कहा है कि वह किसी भी मंच पर बहस करने को तैयार हैं।

मायावती ने ट्वीट कर केंद्री की नरेंद्र मोदी सरकार और अमित शाह को जवाब देते हुए कहा, 'अति-विवादित सीएए/एनआरसी/एनपीआर के खिलाफ पूरे देश में खासकर युवा व महिलाओं के संगठित होकर संघर्ष व आन्दोलित हो जाने से परेशान केन्द्र सरकार द्वारा लखनऊ की रैली में विपक्ष को इस मुद्दे पर बहस करने की चुनौती को BSP किसी भी मंच पर व कहीं भी स्वीकार करने को तैयार है।' 

बता दें, बीते दिन मंगलवार (21 जनवरी) को अमित शाह लखनऊं पहुंचे थे, जहां उन्होंने 'जन जागरण अभियान' के तहत एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए पर विरोधी पार्टियां दुष्प्रचार करके और भ्रम फैला रही हैं। उन्होंने कहा था कि नरेन्द्र मोदी CAA लेकर आए हैं। राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश, मायावती, केजरीवाल सभी इस बिल के खिलाफ कांव-कांव कर रहे हैं। 


उन्होंने कहा था कि इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लें। ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाएं। देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर वहां अत्याचार हुए, वहां उनके धार्मिक स्थल तोड़े जाते हैं। वो लोग वहां से भारत आए हैं। ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता देने का ये बिल है।  

उन्होंने कहा था, 'मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कलतक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे। कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग? कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। तब से शरणार्थियों के आने का सिलसिला चल रहा है। नरेन्द्र मोदी जी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।'

Web Title: BSP chief Mayawati first to accept Amit Shah’s challenge for public debate on CAA

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