लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मायावती ने दिल्ली में तीन जून को लेंगी पार्टी के नेताओं की 'क्लास'
By रामदीप मिश्रा | Published: May 31, 2019 11:43 AM2019-05-31T11:43:20+5:302019-05-31T11:43:53+5:30
बसपा प्रमुख मायावती ने 3 जून को पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों, जोन प्रभारियों और जिला अध्यक्षों की दिल्ली में बैठक बुलाई है। बैठक में पार्टी के अन्य वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
लोकसभा चुनाव के बाद बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की सुप्रीमो मायावती ने नए जीतकर आए सांसदों, जोन प्रभारियों और जिला अध्यक्षों को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है। कहा जा रहा है कि मायावती चुनाव में मिली पार्टी को हार का विश्लेषण और आगामी रणनीति बनाने पर विचार-विमर्श करेंगी।
मिली जानकारी के अनुसार, बसपा प्रमुख मायावती ने 3 जून को पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों, जोन प्रभारियों और जिला अध्यक्षों की दिल्ली में बैठक बुलाई है। बैठक में पार्टी के अन्य वरिष्ठ सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
बता दें कि मायावती की पार्टी ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर उत्तर प्रदेश की 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से उसने 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की। मायावती ने उत्तर प्रदेश में खोई जमीन पर कब्जा करने की फिर से कोशिश की। पार्टी को लोकसभा चुनाव 2014 के मुकाबले इस चुनाव में फायदा हुआ।
BSP chief Mayawati has called a meeting of newly elected MPs of the party, zone incharge and district presidents on June 3, in Delhi. Other senior members of the party will also be present at the meeting. (file pic) pic.twitter.com/EObOkiOY9G
— ANI (@ANI) May 31, 2019
हालांकि राजस्थान की बात करें तो पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई है। इस हार के बाद राजस्थान के छह बसपा विधायक को मायावती ने नई दिल्ली में एक जून को मुलाकात के लिए बुलाया है। कहा जा रहा है कि राजस्थान में लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा बैठक की जाएगी।
राजस्थान में पार्टी की ओर से कहा जा रहा है कि हम राज्य में लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे। बैठक में भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी।
200 विधायकों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 100 विधायकों और पार्टी को समर्थन दे रही राष्ट्रीय लोक दल के एक विधायक के सहयोग से कांग्रेस बहुमत वाली सरकार चला रही है। कांग्रेस सरकार को छह बसपा विधायकों के साथ साथ, 13 निर्दलीय विधायकों में से 12 का समर्थन है।