Brij Bihari Prasad murder 1998: पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण?, एक्शन का रिएक्शन होगा तो...
By एस पी सिन्हा | Updated: October 16, 2024 17:16 IST2024-10-16T17:15:52+5:302024-10-16T17:16:38+5:30
Brij Bihari Prasad murder 1998: आत्मसमर्पण करने से पहले मुन्ना शुक्ला ने कहा है कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा है। वह न्यायालय का सम्मान करते हैं।

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Brij Bihari Prasad murder 1998: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पूर्व मंत्री बृजबिहारी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा मिलने के बाद बुधवार को पूर्व विधायक एवं राजद नेता विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी ने पटना सिविल कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को 15 दिनों के अंदर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। मुन्ना शुक्ला को यह सजा 26 साल पुराने बृज बिहारी हत्याकांड मामले में मिली है। वहीं आत्मसमर्पण करने से पहले मुन्ना शुक्ला ने कहा है कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय पर भरोसा है। वह न्यायालय का सम्मान करते हैं।
मीडियाकर्मियों ने जब मुन्ना शुक्ला से यह पूछा कि आपने कहा कि, एक्शन का रिएक्शन होगा तो उन्होंने कहा कि अगर हम जेल जा रहे हैं तो आम आवाम में मैसेज जाएगा। इसका जवाब जनता देगी। उन्होंने कहा कि अदालत ने जो सजा दी है, हम उसका सम्मान करते हैं। मुझे न्याय व्यवस्था पर भरोसा है। न्यायालय का सम्मान करना है कानूनी प्रक्रिया है। हम लोग देख रहे हैं आगे क्या करना है।
जब मुन्ना से पूछा गया कि क्या उनको राजद में आने की सजा मिली है। आप राजद में आए तो 26 साल पुराने केस में आपको फंसाया गया है। तो इसको लेकर उन्होंने कहा कि हमको ऐसा नहीं लगता है। बता दें कि बृजबिहारी प्रसाद की हत्याकांड में मुन्ना शुक्ला समेत छह आरोपितों को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
लेकिन हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था। 3 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और एक अन्य आरोपी को 1998 में पूर्व मंत्री बृज बिहारी की हत्या के सिलसिले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा, जबकि छह अन्य को बरी कर दिया।
मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को अपनी-अपनी सजा की शेष अवधि काटने के लिए 15 दिनों के भीतर संबंधित जेल अधिकारियों, अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने को कहा गया था, जबकि पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और छह अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है।