नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन जारी है। इस बीच बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि इस्तीफा देना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन मैं अपराधी नहीं हूं। उन्होंने कहा, "अगर मैं इस्तीफा देता हूं तो इसका मतलब होगा कि मैंने उनके (पहलवानों) आरोपों को स्वीकार कर लिया है। मेरा कार्यकाल लगभग समाप्त हो गया है।"
उन्होंने आगे कहा, "सरकार ने 3 सदस्यीय समिति बनाई है और चुनाव 45 दिनों में होंगे और चुनाव के बाद मेरा कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। हर दिन वे (पहलवान) अपनी नई मांग लेकर आ रहे हैं। उन्होंने एफआईआर की मांग की, एफआईआर दर्ज की गई और अब वे कह रहे हैं कि मुझे जेल भेज देना चाहिए और सभी पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की वजह से सांसद हूं न कि विनेश फोगट की वजह से।"
बृजभूषण शरण सिंह ने ये भी कहा, "केवल एक परिवार और अखाड़ा (विरोध कर रहे हैं) और हरियाणा के 90 फीसदी खिलाड़ी मेरे साथ हैं। उन्होंने (पहलवानों ने) 12 साल तक किसी पुलिस थाने, खेल मंत्रालय या महासंघ से शिकायत नहीं की। विरोध करने से पहले वे मेरी तारीफ करते थे, मुझे अपनी शादी में बुलाते थे और मेरे साथ फोटो खिंचाते थे, मेरा आशीर्वाद लेते थे।"
उन्होंने कहा, "अब मामला सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस के पास है और मैं उनका फैसला मानूंगा।" उल्लेखनीय है कि महिला पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दो प्राथमिकी दर्ज कीं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया था कि महिला पहलवानों की शिकायत पर कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
उन्होंने कहा था कि पहली प्राथमिकी एक नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिसके तहत यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। सिंह पर यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने का आरोप लगाने वाले पहलवानों ने 23 अप्रैल से एक बार फिर अपना आंदोलन शुरू किया। इससे पहले, उन्होंने जनवरी में धरना दिया था।