'किसी महिला को यौन इरादे की इच्छा के बिना गले लगाना अपराध नहीं...', महिला पहलवानों के आरोपों पर बृजभूषण सिंह ने कोर्ट में दी दलील

By अंजली चौहान | Published: August 9, 2023 08:26 PM2023-08-09T20:26:37+5:302023-08-09T20:32:46+5:30

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि यौन इरादे के बिना किसी महिला को गले लगाना या छूना अपराध नहीं है।

Brij Bhushan Sharan Singh argued in court on the allegations of women wrestlers says 'It is not a crime to hug a woman without the intention of sexual intent | 'किसी महिला को यौन इरादे की इच्छा के बिना गले लगाना अपराध नहीं...', महिला पहलवानों के आरोपों पर बृजभूषण सिंह ने कोर्ट में दी दलील

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

Highlightsयौन इरादे के बिना महिला को गले लगाना अपराध नहींबृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों पर कोर्ट में शुरू हुई बहस वकील ने महिला पहलवानों के आरोपों को बताया पुराना

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह ने महिला पहलवानों के आरोपों के खिलाफ कोर्ट में अपनी दलील दी। बृजभूषण शरण सिंह ने बुधवार को कोर्ट में कहा कि किसी महिला को यौन इच्छा के बिना गले लगाना और स्पर्श करना अपराध नहीं है। 

भाजपा सांसद सिंह कई महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे हैं जिसके लिए वह इस समय कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।

बृजभूषण सिंह ने आरोपों के खिलाफ अपना बचाव करते हुए कहा, "आपराधिक बल या यौन इरादे के बिना किसी महिला को गले लगाना...छूना अपराध नहीं है।" 

गौरतलब है कि आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में भाजपा सांसद सिंह की ओर से पेश वकील राजीव मोहन ने अदालत में तर्क दिया कि भाजपा सांसद के खिलाफ महिला पहलवानों के आरोप पुराने हैं। 

शिकायतकर्ताओं में से एक के आरोप पर बोलते हुए जिसमें बृज भूषण पर दिल्ली के अशोक रोड और सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में 20-25 सेकंड के लिए गले लगाने का आरोप लगाया गया था, भाजपा सांसद के वकील ने कहा कि किसी कार्यक्रम के दौरान कोच के लिए खिलाड़ियों को गले लगाना आम बात है।

इंडिया टुडे के अनुसार, राजीव मोहन ने कहा, "दो अपराध अशोक रोड और सिरी फोर्ट से संबंधित हैं। सिरी फोर्ट में अपराध केवल गले लगाने का है...किसी महिला को बिना किसी आपराधिक बल या यौन इरादे के छूना अपराध नहीं है।"

'कोर्ट नहीं चला सकती मुकदमा'

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष दलील देते हुए राजीव मोहन ने कहा कि मंगोलिया और जकार्ता में हुई कथित घटना पर सुनवाई भारत में नहीं हो सकती।

उन्होंने सीआरपीसी का हवाला देते हुए कहा कि मुकदमा वहीं होना चाहिए जहां घटना हुई हो। बृजभूषण के वकीलों ने शिकायतों की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए।

वकील ने कहा कि 2017 और 2018 की कथित घटनाओं के आधार पर 2023 में एक शिकायत दर्ज की गई थी। यह कहते हुए कि मुद्दों को उठाने में देरी के पीछे कोई मजबूत कारण नहीं दिया गया था सिवाय इसके कि करियर की चिंता थी।

बृज भूषण के वकील ने आगे कहा कि कराणाका के बेलारी या लखनऊ में दर्ज शिकायतों के आधार पर मुकदमा दिल्ली में नहीं चलाया जा सकता। अदालत इस मामले पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखेगी। 

जमानत पर है बृजभूषण शरण सिंह 

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 20 जुलाई को यौन उत्पीड़न मामले में बृज भूषण को जमानत दे दी थी। यह आदेश न्यायमूर्ति हरजीत सिंह जसपाल ने पारित किया।

कोर्ट ने यह भी कहा कि बृजभूषण बिना अनुमति के देश से बाहर नहीं जा सकते। साथ ही, वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन लोगों को धमकी नहीं दे सकता, जिन्होंने उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

Web Title: Brij Bhushan Sharan Singh argued in court on the allegations of women wrestlers says 'It is not a crime to hug a woman without the intention of sexual intent

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