Breaking News: सियाचिन के ग्लेशियर में फिर हिमस्खलन, सेना के 2 जवान शहीद
By स्वाति सिंह | Published: November 30, 2019 06:20 PM2019-11-30T18:20:30+5:302019-11-30T18:46:22+5:30
दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में 18 हजार फुट की ऊंचाई पर पेट्रोलिंग करने आई सेना की टीम बर्फीले तूफान की चपेट में आ गई। इस घटना में दो जवान शहीद हो गए हैं।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में शनिवार को हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के गश्ती दल के दो जवान शहीद हो गये।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। श्रीनगर में एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सेना का गश्ती दल दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फुट की ऊंचाई पर गश्त कर रहा था जब शनिवार तड़के दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया।
उन्होंने बताया कि एक हिमस्खलन बचाव दल (एआरटी) तुरंत वहां पहुंचा और टीम के सभी सदस्यों का पता लगाने और उन्हें बाहर निकालने में कामयाब रहा।
दल के साथ ही जवानों को बचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की भी सेवाएं ली गई। रक्षा प्रवक्ता ने बताया, ‘‘हालांकि, चिकित्सा टीमों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, सेना के दो कर्मियों की जान चली गई।’’
बीते दिनों सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी हिस्से में हिमस्खलन की चपेट में आने के कारण सेना के चार जवानों और दो कुलियों की मौत हो गयी थी। अधिकारियों ने बताया था कि सेना के छह कर्मियों समेत आठ लोगों का एक समूह दोपहर बाद तीन बजे 19 हजार फुट की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन की चपेट में आ गया।
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना में सेना के दो जवान बच गए हैं। उन्होंने बताया कि पास की चौकी से राहत एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गया है। अधिकारी ने बताया कि बेहतर प्रयास करने के बाजवूद हाइपोथर्मिया (अत्यधिक सर्दी) की वजह से चार सैनिकों एवं दो नागरिकों की मौत हो गयी।
सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम पर्वत श्रृंखला पर 20 हजार फीट की ऊंचाई पर है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है। सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान और भू-स्खलन से होता है। पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है।